नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को रोहिंग्या मुललमानों के मुद्दे पर सुनवाई करेगी। कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें जम्मू-कश्मीर में मौजूद रोहिंग्या मुसलमानों ने केंद्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें मोदी सरकार की ओर से कहा गया था कि देश से रोहिंग्या मुसलमनों को हर हाल में बाहर किया जाएगा। ये देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस दीपक मिश्रा सहित तीन जजों की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी। इस बेंच में जस्टिस जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं। शीर्ष अदालत का आज आने वाला फैसला इसलिए भी अहम हो गया है क्योंकि सरकार जहां रोहिंग्या मुसलमानों को देश विरोधी करार दे रही है, वहीं कोर्ट का कहना है कि वह सुनवाई में मानवीय पहलुओं का भी ध्यान रखेगी।
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बता दें कि म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के भारत में अवैध तरीके से रहने पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इनमें से कई देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और कई के पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से संबंध हैं। ये रोहिंग्या मुसलमान भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। ये लोग शरणार्थी नहीं बल्कि घुसपैठिए हैं, जिन्हें देश से हर हाल में बाहर किया जाएगा। केंद्र की ओर से रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर ऐसा ही एक हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया गया है। इसके विरोध में रोहिंग्या मुसलमानों ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर करते हुए केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि इससे पहले केंद्र सरकार की ओर सुप्रीम कोर्ट में एक ओर हलफनामा दाखिल कर कहा गया है कि यह मामला कार्यपालिका का है और सुप्रीम कोर्ट इसमें हस्तक्षेप न करे।
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बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा है कि वह इस मामले में विभिन्न पहलुओं पर सुनवाई करेगी। इतना ही नहीं कोर्ट ने दोनों पक्षों को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी अर्जी में तमाम दस्तावेजों को लगाएं और साथ ही अंतरराष्ट्रीय संधियां भी इसमें समग्र तरीके से पेश करें। साथ ही कोर्ट साफ कर चुकी है कि वह कानून के आलोक में इस मामले की मानवीय पहलू और मानवता के आधार पर सुनवाई करेगा।
बता दें कि देशभर में इस समय 40 हजार से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं, जो म्यांमार में हिंसा भड़कने के बाद अवैध घुसपैठ कर रहे हैं, जिन्हें भारत सरकार ने देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। म्यांमार से करीब 9 लाख रोहिंग्या मुसलमान दूसरे देशों में जा चुके हैं।
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