नई दिल्ली। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रा को जा रहे फंसे हुए भारतीय तीर्थ यात्रियों को निकालने के लिए नेपाल सरकार से सेना के हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने ने कहा कि भारी बारिश और मौसम खराब होने की वजह से बहुत से तीर्थ यात्री कैलाश मानसरोवर के रूट पर फंसे हुए हैं उनको निकाले के लिए नेपाल सारकार से अनुरोध किया गया है। अपने ट्वीट में स्वराज ने कहा कि नेपाल में स्थित भारतीय दूतावास ने अपने प्रतिनिधि नेपालगंज और सिमिकोट में तैनात किए हैं। वे तीर्थ यात्रियों के संपर्क में हैं और उनके रहने, भोजन पानी आदि की व्यवस्था कर रहे हैं।
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विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल के सिमिकोट 525 तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं जबकि 550 हिल्सा में फंसे हुए हैं। वहीं तिब्बत की ओर 500 तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग से संबंधित अधिकारी तीर्थ यात्रियों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। तीर्थ यात्रियों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जा रही है। उनके रिहायश और भोजन का समुचित प्रबंध किया जा रहा है। तीर्थ यात्रियों और उनके परिवार वालों के लिए हॉट लाइन की व्यवस्था की गई है जिससे तमिल, तेलगू, कन्नड़ और मलयालम में भी सूचना मिलेगी। काठमांडु स्थित भारतीय दूतावास तीर्थ यात्रियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है।
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कर्नाटक के 250 तीर्थ यात्री कैलाश मानसारोवर के रूट पर भारी बारिश के चलते सिमिकोट के पास फंसे हुए हैं। आपको बता दें कि हर साल भारत के हजारों तीर्थ यात्री नेपाल होकर चीन के स्वयत्त क्षेत्र तिब्बत तक के कैलाश मान सरोवर की यात्रा में हिस्सा लेते हैं। इस यात्रा का आयोजन भारतीय विदेश मंत्रालय चीन सरकार के सहयोग से करता है। जून से सितंबर महीने के दौरान लोग यात्रा पर जाते हैं। यह यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख पास और सिक्कम के नाथुला पास दो रूट से की जाती है।