नई दिल्ली। चारा घोटाले के कई मामलों में फंसे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद को इसी मामले में दुमका कोषागार से करीब सवा 3 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में शनिवार को दो धाराओं एक तो आईपीसी और दूसरे भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम का उल्लंघन करने पर 7-7 साल की सजा और 30-30 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह की अदालत ने उन्हें यह सजा सुनाई है। सजा के ऐलान के बाद उनके पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा और मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लालूजी की जान को खतरा है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार और केन्द्र पर हमला करते हुए कहा कि दोनों लालूजी की बढ़ती लोकप्रियता से डरे हुए हैं।
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यहां बता दें कि लालू प्रसाद की सजा पर भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की केाई राजनीति नहीं है और यह कोर्ट का फैसला है। गिरिराज सिंह ने सिर्फ इतना ही कहा कि ‘‘जैसी करनी, वैसी भरनी।’’ तेजस्वी ने कहा है कि सीबीआई के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील किया जाएगा। गौर करने वाली बात है कि इससे पहले भी चारा घोटाले की तीन अन्य मामलों में उन्हें दोषी ठहराया जा चुका है। गुरुवार को सुनवाई के बाद अचानक लालू प्रसाद की तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में भर्ती कराया है। फिलहाल उनका इलाज वहीं चल रहा है लेकिन ऐसी संभावना जताई जा रही है कि उन्हें इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में लाया जा सकता है। शनिवार को सजा सुनाए जाने के बाद बिहार से भाजपा के वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने उनसे मुलाकात की है। इसके बाद से इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि यह एक मित्र के नाते मुलाकात थी, इसके कोई राजनीतिक मायने न निकाले जाएं।