पटना। उम्रदराज लोग अक्सर यादाश्त कमजोर होने या फिर बार-बार दवाई खाने से ऊबकर इसे कई बार छोड़ देते हैं लेकिन अब ऐसा करना उनके लिए संभव नहीं होगा। जी हां, महज 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले बिहार के एक छात्र सूर्य नारायण ने ऐसा उपकरण तैयार किया है जिसमें दवाई का नाम और उसके लेने का समय फीड कर देने पर यह उस समय पर अलार्म बजाने के साथ दवाई भी बाहर निकालकर उन्हें सूचित कर देगा। अगर वे बिना दवाई लिए ही अलार्म को बंद कर देते हैं तो इसका मैसेज समय सेट करने वाले के पास चला जाएगा।
गौरतलब है कि उम्र बढ़ने के साथ इंसानों को कई तरह की बीमारियां जकड़ लेती हैं और इससे छुटकारा पाने के दवाएं लेनी पड़ती हैं। कई बार वे कमजोर यादाश्त की वजह से समय पर दवाई नहीं ले पाते हैं। ऐसे बुजुर्गों को समय पर दवाई लेने की याद दिलाने के लिए महज 8वीं में पड़ने वाले बिहार के छात्र सूर्य नारायण ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जिसमें एक बार दवाई का नाम और उसके लेने का समय फीड कर देने के बाद यह तय समय पर दवाई बाहर निकालने के साथ ही अलार्म बजाना शुरू कर देगा। सूर्य नारायण के इस उपकरण को पटना के आईआईटी के हैकाथाॅन में दिखाया गया जहां उस उपकरण की काफी प्रशंसा की गई है।
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यहां बता दें कि सूर्यनारायण ने बताया कि उपकरण बनाने का विचार अपने दादाजी को देखकर आई। सूर्यनारायण के दादाजी समय पर दवाई लेने में असमर्थ थे। इस उपकरण का कई बार परीक्षण किया गया और हर बार उसके सही परिणाम सामने आए हैं। आईआईटी पटना में आयोजित ‘हैकॉथन’ में शामिल होने के लिए 574 टीमों के 1700 लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया था। इसमें से 15 टीमों का चयन 6 से 9 सितम्बर को आयोजित प्रतियोगिता में हुआ इसमें सूर्य नारायण भी हैं। आईआईटी पटना के इन्क्यूबेशन सेंटर से जुड़कर अपने स्टार्टअप को दो साल तक अपग्रेड और मार्केटिंग करने का अवसर मिलेगा।
बता दें कि उनकी मां एक सहायक प्रोफेसर हैं और उनके पिता एक साॅफ्टवेयर इंजीनियर हैं। सूर्य की मां डॉ. लीना ने बताया कि डिवाइस को असेंबल करने में 450 से 500 रुपये का खर्च आता है। इसे बाजार में 600 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि ऐसी डिवाइस की कीमत अमेरिका में 4000 से 5000 रुपये के बीच आती है। उन्होंने बताया कि सारी तकनीक सूर्य ने खुद तैयार की है। इसे सोलर सिस्टम से भी चलाया जा सकता है।