पटना । बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर जहां एनडीए के घटक दल जन लोकशक्ति पार्टी ने बागी तेवर अपना लिए हैं , वहीं अब खबर है कि विपक्ष के कथित महागठबंधन में शामिल कांग्रेस भी अब सीटों के बंटवारे को लेकर नाराज हो गई है । कांग्रेस ने राज्य के विधानसभा चुनावों में अपने लिए सम्मानित सीटों की मांग की है , जबकि इस गठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस अपने लिए उचित सीटों की मांग करे । बहरहाल, सीटों को लेकर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी के बाद अब पार्टी आलाकमान ने बिहार कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है ।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 - भाजपा को हराने के लिए नया गठबंधन PDA , पप्पू यादव बोले - अन्य दलों का भी स्वागत
बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले दिनों ही राज्य में विधानसभा चुनावों को तीन चरण में कराने का ऐलान कर दिया है । इस सबके बाद सियासी दलों के अपने गठबंधन के नेतृत्व से अपने लिए सीटों की मांग करना शुरू कर दिया है । एनडीए के घटक दल जन लोकशक्ति पार्टी जहां जदयू पर आरोप लगाते हुए अपने लिए 42 सीटों की मांग कर रही है , वहीं कांग्रेस ने भी विपक्षी दलों के गठबंधन से अपने लिए सम्मानित सीट की मांग की है ।
चिराग पासवान की जेपी नड्डा को खरी खरी , जल्द सीटों का बंटवारा करें, नहीं तो हम भी बन जाएंगे विरोधी
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि उन्हें भी राज्य में चुनाव लड़ने के लिए सम्मानित सीटें मिलनी चाहिए। कांग्रेस के आला नेताओं ने गठबंधन से अपने लिए उचित सीटों की मांग करने पर राजद की ओर से बयान आया है कि कांग्रेस भी अपने लिए उचित सीटों की ही मांग करे , उससे ज्यादा नहीं । राजद के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस को सीट देने के लिए राजद ने अपने कोटे की सीटों को कम किया है ।
Bihar assembly election 2020 - जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली राजद में शामिल , बोली - धोखेबाज हैं नीतीश
बहरहाल , इस मुद्दे की आंच दिल्ली तक पहुंचने पर कांग्रेस आलाकमान ने बिहार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को दिल्ली तलब किया है । ऐसी संभावना है कि दिल्ली में इन नेताओं से मंथन बैठक करने के बाद पार्टी राज्य में अकेले भी चुनावों में उतरने का फैसला ले सकती है । हालांकि इस मुद्दे पर अभी अंतिम दौर की बातचीत बाकी है ।
बिहार चुनाव पर सियासी दलों के बीच ''पोस्टर वॉर'' , राजद पर दिया ''बिहार पर भार'' करार
कांग्रेस के सूत्र कहते हैं कि राजद ने दो ऑफर भेजे हैं। 80 और 50 का यह ऑफर राजद ने सोच-समझकर तैयार किया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के महागठबंधन से बाहर होने के पहले से ही वामदलों को महागठबंधन से जोडऩे पर काम शुरू हो गया था। वामदलों के साथ आने से भले ही महागठबंधन की ताकत बढ़ी है, लेकिन दूसरा बड़ा संकट सीटों के विभाजन का है।
राजद के बनाए फार्मूले को अगर कांग्रेस मानती है और 80 सीटों वाला ऑफर स्वीकार करती है, तो उसे अपने कोटे से सीपीआइ, सीपीएम और रालोसपा को सीट देनी होगी। इन दलों के साथ मोलभाव भी कांग्रेस को करना होगा। राजद अपने कोटे से भाकपा माले और वीआइपी को सीटें देगा।