नई दिल्ली। भीमा कोरे गांव में हुई हिंसा और पीएम नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किए सभी बुद्धिजीवियों को सुप्रीम कोर्ट ने अगले महीने की 5 सितंबर तक घर पर नजरबंद रखने का आदेश दिया है। अब इसकी सुनवाई 6 सितंबर को होगी। बता दें कि मंगलवार को भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 5 लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने सभी आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के भीमाकोरे गांव में दलितों के एक कार्यक्रम को लेकर जबर्दस्त हिंसा हुई थी जिसमें कई लोगों की जानें गई थी साथ ही बड़े पैमाने पर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। बुधवार को इस मामले में दिल्ली के अलावा अन्य जगहों से पकड़े गए लोगों को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में इन सभी को 5 सितंबर तक घर में नजरबंद रखने के आदेश दिए हैं।
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यहां बता दें कि कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से भी इस मामले में गुरुवार तक अपना जवाब देने को कहा है और उसे नोटिस भी जारी किया है। गौर करने वाली बात है कि छापेमार कार्रवाई के बाद हुई इन गिरफ्तारियों के खिलाफ रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे, माया डार्नल और एक अन्य कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और गौतम नवलाखा की गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे हैं। इस मामले में पुणे पुलिस ने मंगलवार को देश भर में कई नक्सल समर्थकों के आवास पर छापे मारे और माओवादी समर्थक वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा, बरनोन गोंजालविस और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया है।