नई दिल्ली। मुंबई स्थित जिन्ना हाउस को लेकर काफी समय से चला आ रहा विवाद खत्म होने वाला है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पीएमओ से मिले आदेश के बाद मंत्रालय जिन्ना हाउस का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। बता दें कि जिन्ना हाउस को लेकर मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी दीना वाडिया और भारत सरकार के बीच संपत्ति अधिग्रहण को लेकर साल 2007 से ही मुकदमा चल रहा है। गौर करने वाली बात है कि मुंबई के जिन्ना हाउस को पाकिस्तान की ओर से अपना वाणिज्यिक दूतावास बनाने की भी कोशिश की थी। अब दीना वाडिया की पिछले साल मृत्यू हो चुकी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आधिकारिक मुख्यमंत्री निवास के सामने जिन्ना हाउस स्थित है। इस हाउस में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना ने बैठक की थी। बता दें कि जिन्ना हाउस को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा भी हासिल है। अब विदेश मंत्रालय के द्वारा इसके अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि इसका इस्तेमाल दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस की तर्ज पर किया जाएगा।
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यहां बता दें कि सुषमा स्वराज के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के विधायक मंगल प्रभात लोधा को लिखे एक पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय ‘‘हमारे नाम पर संपत्ति के स्वामित्व को स्थानांतरित करने’’ की प्रक्रिया में है। लोधा ने कहा, ‘सरकार के इस कदम से जिन्ना हाउस के मालिकाना हक और इसके इस्तेमाल को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो जाएगा।’ आजादी के बाद भारत सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया था।
आपको बता दें कि जिन्ना हाउस पर मालिकाना हक पाकिस्तान के मोहम्मद अली जिन्ना का था साल 2007 में उनकी बेटी दीना वाडिया के द्वारा बाॅम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संपत्ति के अधिग्रहण का दावा किया गया था लेकिन पिछले ही साल उनकी मृत्यू हो चुकी है।
ऐतिहासिक इमारत है जिन्ना हाउस
जिन्ना हाउस 2.5 एकड़ जमीन पर साल 1936 में बनाया गया था और आर्किटेक्ट क्लाउड बैटले ने इसका डिजाइन बनाया था। जिन्ना हाउस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास वर्षा के ठीक सामने है। संरक्षित विरासत का दर्जा हासिल इस इमारत में विभाजन से पहले जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और जिन्ना के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। एक समय पाकिस्तान जिन्ना हाउस को अपना मुंबई का वाणिज्य दूतावास बनाना चाहता था।
पीएमओ ने दिया ये आदेश
5 दिसंबर को लोधा को लिखी एक चिट्ठी में स्वराज ने लिखा, ‘मुझे मुंबई के जिन्ना हाउस के संबंध में 5 अक्टूबर 2018 को लिखा आपका पत्र मिला और मंत्रालय के अधिकारियों से इस मामले की जांच कराई। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हमें दिल्ली के हैदराबाद हाउस में उपलब्ध सुविधाओं की तर्ज पर जिन्ना हाउस के पुनर्निमार्ण और नवीनीकृत करने का निर्देश दिया।’ स्वराज के पत्र में यह भी कहा गया है कि पीएमओ ने इस परियोजना के लिए जरुरी स्वीकृति दे दी है। पत्र में कहा गया है, ‘हम स्वामित्व को अपने नाम पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में हैं।’