नई दिल्ली । सरकार ने देश में कैशलैस व्यवस्था समेत डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव करना जारी रखा है। सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में डिजिटल ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पर छूट देने का फैसला लिया है। करेगी। सरकार ने साफ किया कि अब वो बैंकों और व्यापारियों को MDR का भुगतान करेगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि अब डिजिटल ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं देना होगा। हालांकि सरकार की इस सुविधा का लाभ लेने के लिए 2000 रुपये तक डिजिटल लेनदेन करना होगा। सरकार ने अभी मर्चेंट डिस्काउंट रेट में छूट का फैसला सिर्फ 2 साल तक के लिए लिया है।
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बता दें कि इस समय डेबिट कार्ड, आधार के जरिए पेमेंट, यूपीआई (भीम ऐप) से पेमेंट करने पर प्रत्येक ट्रांजेक्शन सेवा के लिए दुकानदार, बैंक को एक रकम देता है। यही रकम मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) कहलाता है। दुकानदारों के पास आप जो पॉइंट ऑफ सेल मशीन देखते हैं, उसे बैंकों से लेना होता है। बैंक की ओर से MDR के तौर पर कमाई गई राशि में से कार्ड जारी करने वाले बैंक और कुछ हिस्सा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे वीजा, मास्टरकार्ड या NPCI को दिया जाता है। इसी चार्ज के चलते कई दुकानदार कार्ड से पेमेंट लेने से बचते हैं।
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