इस्लामाबाद । पनामा पेपर लीक के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नवाज शरीफ के परिवार को लेकर एक बार फिर एक बड़ा खुलासा हुआ है। आरोप लगे हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी नवाज की बेटी मरीयम ने अपने बचाव में जिस प्रॉपर्टी डील के दस्तावेज सौंपे हैं, उन्हें लिखने में प्रयोग किए गए माइक्रोसॉफ्ट के एक फॉन्ट ने मरीयम के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। मरीयम का कहना है कि ये दस्तावेज 2006 के हैं, जबकि खुलासा हुआ है कि माइक्रोसॉफ्ट के कैलिबरी फॉन्ट में टाइप ये दस्तावेज 2006 के नहीं हो सकते क्योंकि यह फोन्ट कई सालों बाद आम जनता के उपयोग के लिए जारी किया गया था। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि 2006 में यह फॉन्ट था ही नहीं तो इस फॉन्ट से दस्तावेज तैयार कैसे हो गए। ऐसे में मरीयम की ओर से अपने बचाव में दिए गए ये दस्तावेज फर्जी हैं।
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बता दें कि पनामा पेपर लीक मामले में नवाज की बेटी मरीयम भी घिरी हुई है। शरीफ और उनके बच्चे शेल कंपनियों के जरिए अवैध धन से बड़े पैमाने पर अघोषित संपत्ति खरीदने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। कुछ समय पहले अपने बचाव के लिए पेश किए दस्तावेजों में मरीयम ने एक प्रॉपर्टी डील के दस्तावेज जांच एजेंसी को सौंपे, जिसमें बताया गया कि यह डील 2006 में हुई थी। जांच में सामने आया कि जिस फॉन्ट से ये दस्तावेज टाइप किए गए, वो कैलिबरी फॉन्ट 2006 में आम आदमी के लिए मौजूद ही नहीं था।
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बीबीसी ने तो इस फॉन्ट को बनाने वाले लुकास डि ग्रूट के हवाले से इस बात को साफ भी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि कैलिबरी फॉन्ट से लैड विंडोज 2007 का बिटा वर्जन 2004 में आ गया था लेकिन उस दौरान इसका इस्तेमाल कुछ चुनिंदा टेक विषेशज्ञों तक ही सीमित रखा गया था। सरकारी दफ्तरों और निजी कंपनियों द्वारा इस फॉन्ट का इस्तेमाल करना 2006 के बाद ही किया गया। हालांकि इसका विरोध करते हुए मरियम ने जेआईटी की जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए ट्विटर पर क्वोरा पेज का एक स्क्रीनशॉप पोस्ट किया है। जिसमें 2004 में बीटा वर्जन के लागू होने की बात है। हालांकि लुकास पहले ही कह चुके हैं कि यह वर्जन आ तो गया था लेकिन इसका इस्तेमाल कुछ चुनिंदा टेक विशेषज्ञों तक की ही सीमित था।
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बहरहाल, इस पूरे मामले में एक फॉन्ट ने मरियम के झूठ को दुनिया के सामने ला दिया है। जेआईटी अधिकारियों ने भी साफ कर दिया है कि कैलिबरी फॉन्ट का आम वर्जन कई समय बात हुआ है। ऐसे में मरियम द्वारा पेश किए गए दस्तावेज फर्जी हैं।
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