नई दिल्ली । हाल में आई एक रिपोर्ट में उजागर हुआ कि देश में अभी भी पीएम नरेंद्र मोदी का मैजिक बरकरार है, लेकिन हाल में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों - उपचुनावों और निगम चुनावों के परिणामों को देखने के बाद साफ हो गया है कि भले ही मोदी मैजिक कायम हो, लेकिन इस मैजिक को अगर भाजपा अगामी लोकसभा चुनावों में जीत का मंत्र मान रही है तो उसे झटका भी लग सकता है। गुजरात में नगर पालिका चुनावों के सोमवार को नतीजे आए हैं। एक बार फिर भाजपा कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए बढ़त बनाए हुए है, लेकिन पिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा को कई सीटें खोते हुए भी देखा जा रहा है। नगरपालिका की 75 सीटों में से जहां पिछली बार भाजपा के पास 59 सीटें थीं, वहीं इस बार इनका आंकड़ा गिरकर 45 के करीब आ रहा है, हालांकि भाजपा इस फैसले से भी खुश है और इसे सत्ता विरोधी लहर का नतीजा बता रही है। बावजूद इसके राजनीति के जानकार भाजपा के लिए ऐसे हालातों को चिंताजनक बता रहे हैं। गुजरात विधानसभा सीटों में पिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा के हाथ कम सीट हाथ लगने और फिर राजस्थान, पश्चिम बंगाल समेत कुछ अन्य जगहों पर हुए उपचुनावों और निगम चुनावों में भी भाजपा का हार का मुंह देखना पड़ा है। ऐसे में टीम मोदी के लिए मिशन- 2019, आसान होता नजर नहीं आ रहा है।
गुजरात में कांग्रेस से फिर टक्कर
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद अब नगरपालिका चुनावों में भाजपा और कांग्रेस की कड़ी टक्कर जारी है। नगर पालिका चुनाव के नतीजों में भाजपा को कांग्रेस पर बढ़त तो मिली लेकिन एक समय भाजपा के गले-गले आ गई थी, जब कांग्रेस और भाजपा की टक्कर बराबरी पर आ गई थी, लेकिन बाद में भाजपा के पक्ष में पलड़ा झुक गया और भाजपा आगे निकल गई, लेकिन सामने आया कि विधानसभा के बाद अब नगरपालिका चुनावों में भी कांग्रेस ने भाजपा को टक्कर दी है।
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कांग्रेस बोली-राहुल गांधी का जादू दिखने लगा
नगर पालिका चुनावों के बाद गुजरात में कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इस बात में कोई दो राय नहीं कि इस बार भी हम भाजपा को पार पाते नहीं दिख रहे लेकिन अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो जीत हमारी ही हो रही है, चाहे बात विधानसभा चुनावों की करें या इन निगम चुनावों की। राज्य के 33 जिलों की 75 नगर पालिका चुनावों में दिख रहा है कि कैसे लोग प्रधानमंत्री मोदी के खोखले वायदों को अब समझने लगे हैं, यही कारण है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जादू दिखने लगा है। पहले विधानसभा चुनाव और अब निगम चुनावों में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। खुद मोदी जी ने हाल में छात्रों से बातचीत में कहा था कि दूसरे के प्रदर्शन को न देखें, अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार कर लोगों को चौंका दें। कांग्रेस भी इस बार के लोकसभा चुनावों में कुछ ऐसा ही कर दिखाएगी।
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सर्वेक्षणों ने माना-2019 में कम होंगी एनडीए की सीटें
हाल के दिनों में कुछ सर्वेक्षणों में कहा गया कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता 2014 के मुकाबले कम होती नजर आ रही है और इस कारण से उनकी अगुवाई वाले गठबंधन एनडीए की सीटें भी कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है। दूसरी तरफ राहुल गांधी की लोकप्रियता में तेजी से वृद्धि हुई है। नोटबंदी, जीएसटी और गुजरात चुनाव के नतीजों ने तो बीजेपी को हिला कर रख दिया है। ऐसे में बीजेपी को यह अच्छी तरह समझ आ गया है कि लोगों में उनके खिलाफ गुस्सा हर रोज बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है।
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सरकार पर लोगों ने उठाए सवाल
हाल के समय में कछ मीडिया हाउस ने सर्वेक्षण करवाए, जिसमें सामने आया कि एक समय मोदी के साथ पूरे तन-मन-धन से जुड़े लोग अपने नाराज हैं। भले ही उनमें से कई लोग अभी भी मोदी के ही साथ खड़े होने की बातें कहते हैं, लेकिन सरकारी की नीतियों से वे खासे नाराज हैं। लोगों ने महंगाई, किसानों की आत्महत्या और सीमापार आतंकवाद पर अपनी चिंता जताई है। 23 फीसदी लोगों का कहना है कि महंगाई काबू करने में सरकार नाकाम रही है। 15 प्रतिशत का मानना है कि मोदी सरकार किसानों की आत्महत्या रोकने में असफल रही, जबकि 22 प्रतिशत ने कहा कि मोदी सरकार बेरोजगारी से निपटने में नाकाम रही है।
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