नई दिल्ली । कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी लंबे समय बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच शनिवार को देखने को मिलीं। मौका था पार्टी के नए निर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष का आधिकारिक तौर पर पार्टी अध्यक्ष मनोनीत करने का। इस दौरान भाजपा पर कटाक्ष मारते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि देश में भय का माहौल है। आज जितनी बड़ी चुनौती है, उतनी शायद पहले कभी नहीं थी, आज संवैधानिक मूल्यों पर हमला हो रहा है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। सोनिया गांधी ने बताया कि जब उन्होंने अध्यक्ष पद संभाला तब पार्टी के चुनौतीपूर्ण वक्त था। जब मुझे अध्यक्ष चुना गया और मैंने पहला भाषण दिया तो मैं घबराई हुई थी, यहां तक कि मेरे हाथ कांप रहे थे।
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सोनिया के अतीत का दर्द उकेरा
बता दें कि राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के साथ ही कांग्रेस में आज से राहुल युग की शुरुआत हो गई है। सोनिया गांधी ने शनिावार को कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित समारोह में बतौर अध्यक्ष अपना अंतिम भाषण दिया और इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथों में आ गई। हालांकि अपने अंतिम भाषण में सोनिया गांधी ने जहां अपने अतीत के दर्द को उकेरा, वहीं राहुल को आशीर्वाद भी दिया।
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राहुल गांधी मेरा बेटा है
पार्टी मुख्यालय में समारोह को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा- राहुल मेरा बेटा है, उसकी तारीफ करना उचित नहीं लगता। पहले उन्होंने परिवार में हिंसा देखी, फिर राजनीति में उसने व्यक्तिगत हमले झेले, जिसने उन्हें और मजबूत और निडर बनाया है। मुझे राहुल की सहनशीलता पर गर्व है। सोनिया गांधी ने इस दौरान राजनीतिक तौर पर कांग्रेस पार्टी में बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा- कांग्रेस में सुधार की जरूरत है। पार्टी को अपने अंतर्मन में देखकर आगे बढ़ना पड़ेगा और दुरुस्त करना पड़ेगा।
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कांग्रेस का मकसद शोहरत नहीं देश
इसी क्रम में सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मकसद सत्ता या शोहरत पाना नहीं है, बल्कि देश है। अगर हम अपने उसूलों पर खरे नहीं उतरेंगे, तो आम जनता का साथ नहीं पाएंगे। ये नैतिक लड़ाई है, इसलिए हर त्याग और बलिदान के लिए तैयार रहना होगा।
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