नई दिल्ली। कोयला ब्लाॅक आवंटन में भ्रष्टाचार के दोषी पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को 3 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनपर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कोयला सचिव के अलावा कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव और तत्कालीन निदेशक को भी 4 सालों की सजा सुनाई है। हालांकि इन दोनों को प्रक्रिया के तहत फिलहाल जमानत दे दी गई है। अदालत ने विकास मेटल्स एंड पॉवर लिमिटेड (वीएमपीएल) के प्रबंध निदेशक विकास पटनी और इसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को 4 साल की सजा सुनाई है और कंपनी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
गौरतलब है कि कोल ब्लाॅक आवंटन मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था। अदालत ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और इसके लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की गई थी।
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बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि सभी 6 अभियुक्तों ने पश्चिम बंगाल की कंपनी वीएमपीएल को कोल ब्लाॅक आवंटित कराने की साजिश रची थी। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने दोषियों को 7 साल की सजा देने की मांग की थी लेकिन आरोपियों के वकील की मांग पर कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा सुनाई है।