नई दिल्ली। पूरे देश में सोशल मीडिया पर रखने के लिए बनाए जाने वाले ‘सोशल मीडिया हब’ पर सरकार ने यू टर्न ले लिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी देते हुए अपनी अधिसूचना वापस ले ली। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट, तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। महुआ मोइ़त्रा ने अपनी याचिका में कहा था कि सरकार इस हब के जरिए देश के नागरिकों के सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगी। उन्होंने इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की थी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस खानविल्कर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार ने जब सोशल मीडिया हब बनाने वाले प्रस्ताव की अधिसूचना ही वापस ले रही है तो इससे जुड़ी याचिकाओं का कोई मतलब नहीं रह जाता है। ऐसे में उन्होंने सभी याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।
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यहां बता दें कि पहले सरकार ने सोशल मीडिया की आॅनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सोशल मीडिया हब बनाने की बात कही थी। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार लोगों की आॅनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इसे एक औजार के तौर पर इस्तेमाल करेगी। उन्होंने इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग भी की थी। गौर करने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 जुलाई को इस याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार से पूछा था कि इस तरह के हब बनाने के पीछे उसका मकसद लोगों की सोशल मीडिया पर नजर रखना है। कोर्ट ने इसे ‘सर्विलांस स्टेट’ बनाने जैसा कदम बताया था।