नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सौंदर्य प्रसाधनों के जानवर पर होने वाले परीक्षणों पर रोक लगा रखी है, जिससे नए उत्पादों सिक्न केयर के परीक्षणों में खासी दिक्कतें हो रही थी। वैज्ञानिकों ने इसका हल ढूंढ निकाला और एक नई इलैक्ट्रॉनिक स्किन तैयारी की, जिससे कुछ ही घंटो में ट्रायल किए जा सकेंगे। सीएसआईआर की प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंट्रीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक अनुराग के अनुसार, ई-सिक्न तैयार है और हम क्लिनिकल ट्रायल करने वाली एंजेसियों को इसका लाइसेंस देने जा रहे हैं। इससे ट्रायल में पशुओं की जरुरत खत्म हो जाएगी। साथ ही परीक्षण में लगने वाले समय में भी कमी आएगी।
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क्या है ई-स्किन
इलैक्ट्रॉनिक स्किन एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है। इसमें त्वचा में पाए जाने वाले सभी तत्वों का ब्यौरा रहता है। अब तक जितने परीक्षण त्वचा पर हुए हैं, उनका ब्यौरा भी इसमें शामिल हैं। जैसे त्वचा में कौन-सा तत्व डालने से या किस जीन के डालने से क्या होता है, इसकी सारी प्रोग्रामिंग शामिल है। अब ई-सिक्न सॉफ्टवेयर के जरिए किसी भी नए सौंदर्य उत्पाद को बनाए जाने पर उसका प्रभाव त्वचा पर क्या पड़ेगा आसानी से पाता लगाया जा सकेगा। साथ ही इस कंपोनेट या जीन पर कभी पहले परीक्षण हुआ तो वह जानकारी भी मिल जाती है।
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