अमूमन पृथ्वी के अंत को लेकर कई तरह की कहानियां और किस्से समय समय पर उठते रहते हैं। एक बार फिर एक नया किस्सा सामने आया है। बात हो रही है 21 अगस्त को होने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण की जो 99 साल बाद आ रहा है। कई लोग इन दिन को एपोकलिप् वीक यानी धरती के अंत का अंतिम सप्ताह करार दे चुके हैं। चर्चाएं हो रही हैं कि पूर्ण सूर्यग्रहण होने का मतलब है दुनिया का अंत। भारत समेत एशियाई देशों में भले ही ये चर्चाएं कम हों लेकिन अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों में ये चर्चाएं चरम पर हैं और दुनिया भर से लाखों की संख्या में लोग अमेरिका के विभिन्न शहरों में इस सूर्यग्रहण को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।
असल में इन चर्चाओं के पीछे एक ईसाई भविष्यवाणी वेबसाइट की बातों को भी तवज्जों दी जा रही है, जिसका कहना है कि 21 अगस्त को होने वाले सूर्यग्रहण के बाद से दुनिया में क्लेश की शुरुआत होगी। इसी के कारण आने वाले 7 सालों में दुनिया की 75 फीसदी आबादी खत्म हो जाएगी। हालांकि सौर ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें सूर्य और पृथ्वी के बीच से चंद्रमा गुजरता है। जब सूरज के सभी हिस्से को चंद्रमा ढंक लेता है, तो उसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह प्रक्रिया लगभग तीन घंटे तक चलती है। ग्रहण के लिए सबसे लंबी अवधि लगभग दो मिनट 40 सेकंड की होती है, जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढंक लेता है।