नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए के सीट बंटवारा फाइनल होने के बाद अब मामला महाराष्ट्र का अटका हुआ है। खबरों के अनुसार भाजपा नेतृत्व यहां भी बिहार की तर्ज पर सीटों का बंटवारा कर सकती है। एक सर्वे के अनुसार अगर भाजपा और शिवसेना एक साथ मिलकर चुनाव लड़ती है तो उन्हें फायदा होगा वहीं अकेले चुनाव लड़ने पर नुकसान होने की संभावना है। गौर करने वाली बात है कि शिवसेना सरकार की नीतियों को लेकर लगातार उसपर हमलावर रही है। हालांकि शिवसेना ने भी साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना जताई है।
गौरतलब है कि शिवसेना सरकार की नीतियों और काम को लेकर हमलावर रही है। हालांकि इसके बाद भी वह केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों पर सरकार में शामिल है। सरकार पर हमले के सवाल पर पार्टी ने कहा कि यह उनकी अंदरूनी राजनीति है और वह सरकार के फैसले से नाराज नहीं है। अगर ऐसा होता तो क्या वह सरकार में रहती।
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यहां बता दें कि बिहार में भी सीटों के बंटवारे को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी के दवाब के बाद एनडीए ने उन्हें उचित सम्मान दिया। अब शिवसेना भी ऐसा ही करना चाहती है। एक सर्वे के अनुसार लोकसभा चुनाव में अगर दोनों साथ मिलकर लड़ती है तो उन्हें फायदा होने की संभावना जताई गई है। आपको बता दें कि पिछली बार दोनों ने 48 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 41 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि भाजपा को साथ से ज्यादा अकेले ही चुनाव लड़ने पर फायदा दिख रहा है, विधानसभा का चुनाव इसका उदाहरण है। अब देखना यह है कि अपनी विरोधी पार्टी के साथ भाजपा किस तरह से निपटती है।