Saturday, April 27, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

लोकसभा चुनाव 2019ः महाराष्ट्र में भी हो सकता है बिहार की तर्ज पर सीटों का बंटवारा

अंग्वाल न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव 2019ः महाराष्ट्र में भी हो सकता है बिहार की तर्ज पर सीटों का बंटवारा

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए के सीट बंटवारा फाइनल होने के बाद अब मामला महाराष्ट्र का अटका हुआ है। खबरों के अनुसार भाजपा नेतृत्व यहां भी बिहार की तर्ज पर सीटों का बंटवारा कर सकती है। एक सर्वे के अनुसार अगर भाजपा और शिवसेना एक साथ मिलकर चुनाव लड़ती है तो उन्हें फायदा होगा वहीं अकेले चुनाव लड़ने पर नुकसान होने की संभावना है। गौर करने वाली बात है कि शिवसेना सरकार की नीतियों को लेकर लगातार उसपर हमलावर रही है। हालांकि शिवसेना ने भी साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना जताई है। 

गौरतलब है कि शिवसेना सरकार की नीतियों और काम को लेकर हमलावर रही है। हालांकि इसके बाद भी वह केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों पर सरकार में शामिल है। सरकार पर हमले के सवाल पर पार्टी ने कहा कि यह उनकी अंदरूनी राजनीति है और वह सरकार के फैसले से नाराज नहीं है। अगर ऐसा होता तो क्या वह सरकार में रहती। 


ये भी पढ़ें -शिवसेना अध्यक्ष ने राफेल डील पर पीएम को घेरा, कहा-सरकार भ्रष्टाचार में शामिल

यहां बता दें कि बिहार में भी सीटों के बंटवारे को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी के दवाब के बाद एनडीए ने उन्हें उचित सम्मान दिया। अब शिवसेना भी ऐसा ही करना चाहती है। एक सर्वे के अनुसार लोकसभा चुनाव में अगर दोनों साथ मिलकर लड़ती है तो उन्हें फायदा होने की संभावना जताई गई है। आपको बता दें कि पिछली बार दोनों ने 48 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 41 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि भाजपा को साथ से ज्यादा अकेले ही चुनाव लड़ने पर फायदा दिख रहा है, विधानसभा का चुनाव इसका उदाहरण है। अब देखना यह है कि अपनी विरोधी पार्टी के साथ भाजपा किस तरह से निपटती है।  

Todays Beets: