नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को नर्सरी दाखिलों के मद्देनजर केजरीवाल सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने दाखिलों से संबंधित एक मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की अधिसूचना, अभिभावकों से उनकी पसंद के स्कूल में दाखिले का अधिकार से दूर कर रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार की अधिसूचना को रद्द किया जाता है। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता के नाम पर केजरीवाल सरकार निजी स्कूलों के साथ मनमानी नहीं कर सकती।
सरकार की अधिसूचना को दी थी चुनौती
बता दें कि निजी स्कूलों पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को इन स्कूलों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने पिछले दिनों नर्सरी दाखिले की अधिसूचना के खिलाफ कोर्ट में पहुंचे याचिकाकर्ताओं के साथ अभिभावकों समेत राज्य सरकार की दलीलों पर पिछले दिनों सुनवाई की थी। इस सब के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है।
नेबरहुड क्राइटेरिया लागू हुआ था
बता दें कि दिल्ली सरकार की अधिसूचना के अनुसार, निजी स्कूलों से कहा गया था कि दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन पर बने सभी स्कूल अपने यहां नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए नेबरहुड क्राइटेरिया को लागू करें। इस अधिसूचना का असर सीधे-सीधे दिल्ली के 298 स्कूलों पर पड़ा। इन स्कूलों की गठित एक कमेटी ने अधिसूचना को अपने हितों का नुकसान करार देते हुए हाईकोर्ट में इस अधिसूचना के फैसले को चुनौती दी थी। कमेटी का कहना है कि जब ये जमीन उन्हें दी गई थी उस दौरान भी नेबरहुड क्राइटेरिया जैसी कोई शर्त नहीं रखी गई थी।