लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ नगर निगम में एक अत्यंत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कई सेवानिवृत्त और यहां तक की स्वर्गवासी हो चुके कर्मचारी भी अपना वेतन ले रहे हैं। भाजपा सरकार द्वारा नगर निगम में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ है। इसकी जानकारी के बाद नगर निगम प्रशासन सकते में है। अब सवाल यह उठ रहा है कि कहीं रिटायर्ड और स्वर्गवासी हो चुके कर्मचारियों के नाम पर वेतन का फर्जीवाड़ा तो नहीं हो रहा था। इसको लेकर भी नगर निगम प्रशासन जांच कराएगा।
गौरतलब है कि लखनऊ नगर निगम में बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही कर्मचारियों के वेतन जारी किए जाते हैं। हाल ही में कराई गई जांच में इस बात का पता चला कि करीब 12 कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी उपस्थिति बायोमैट्रिक मंे दर्ज नहीं है। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या जिनका देहांत हो चुका है वे भी नौकरी कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें - अमृतसर से दिल्ली लौट रही गाड़ी ट्रक से टकराई, एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत
जल्द हटाया जाएगा नाम
जोनल अभियंता की तरह से कहा गया है कि उन्हें एक सप्ताह पहले ही जोन की जिम्मेदारी मिली है। बायोमीट्रिक अटेंडेंस रिकॉर्ड को लेकर रिपोर्ट बनवाई गई थी। इसमें कुछ ऐसे कर्मचारियों के नाम भी दर्ज हैं जो रिटायर्ड हो चुके हैं या मृत्यु हो चुकी है। ऐसे कर्मचारियों के नाम हटाने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। लेखा विभाग को भी सूची भेज दी गई है।