चंडीगढ़। हरियाणा में अब दफ्तरों में महिला कर्मियों के साथ यौन उत्पीड़न करने वाले बच नहीं पाएंगे। सरकार ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निवारण के लिए मुख्य सचिव कार्यालय की आंतरिक शिकायत समिति गठित कर दी है। बता दें कि सरकार ने सीनियर आईएएस सुनील गुलाटी पर जूनियर आईएएस के यौन शोषण के आरोप लगाने पर नए सिरे से कमेटी का गठन किया है। आईएएस एवं अन्य अधिकारियों को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले में इस समिति के समक्ष अपनी शिकायत देनी होगी।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले आईएएस नीरजा शेखर की अध्यक्षता में सीमित सदस्यों के साथ यह कमेटी गठित की गई थी जिसका अब विस्तार किया गया है। मुख्य सचिव कार्यालय ने अब सहकारिता और सतर्कता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू को समिति की अध्यक्ष बनाया है।
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यहां बता दें कि सदस्यों में शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रधान सचिव नीरजा शेखर, विधि विभाग के विधि परामर्शी-सह-विधि सचिव कुलदीप जैन, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव विजयेंद्र कुमार, राजनीति एवं सेवाएं विभाग के सचिव अशोक सांगवान, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक व विशेष सचिव हेमा शर्मा, प्रशासन विभाग के उप सचिव मदन लाल को शामिल किया गया है। एनजीओ सदस्य के रूप में डॉ. विधु मोहन शामिल किए गए हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई समिति के अध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल समिति के गठन की तिथि से 3 सालों का होगा। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की धारा 21 के तहत आंतरिक शिकायत समिति हर कलेंडर वर्ष में सरकार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट देगी। मुख्य सचिव कार्यालय ने कमेटी गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। आईएएस एवं अन्य अधिकारियों को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले में इस समिति के समक्ष अपनी शिकायत देनी होगी।