नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश ने यूपी में अध्यापकों के लिए समस्या पैदा कर दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनसीटीई के 11 फरवरी के सर्कुलर क्लॉज 5(2) के तहत निर्धारित योग्यता के बगैर टीईटी उत्तीर्ण सहायक अध्यापकों की जांच कर नौकरी से हटाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा आधिकारियों को कहा है की अयोग्य अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही करें।
यहां बता दें की इससे पहले एकलपीठ ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा था कि याची को प्रत्यावेदन देने और बीएसए को कार्यवाही करने के आदेश दिए थे लेकिन हाईकोर्ट ने आदेश में संशोधन करते हुए कहा की याचियों को यह नहीं कहा जा सकता की कौन अध्यापक सांइस और गणित विषयों को पढ़ने की योग्यता रखता था और कौन नहीं । यह कार्य बीएसए की जार्च और सुनवाई के बाद ही कहा जा सकता है।
याचियों का कहना है कि टीईटी की परीक्षा को पास करके वह लोग भी सहायक अध्यापक बन गए हैं जिनके पास स्नातक में सांइस और गणित के विषय नहीं थे, जबकि 2011 के स्रर्कुलर में यह साफ लिखा हुआ था कि की गणित और साइंस में स्नातक ही अध्यापक बन सकते हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद बीएसए जार्च करने के बाद कार्यवाही करनी होगी की किस अध्यापक के पास स्नातन में गणित और साइंस के विषय थे।