भोपाल। बिहार की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में भी शराबबंदी लागू हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो मध्यप्रदेश शराबबंदी लागू करने वाला तीसरा राज्य होगा। गुरू गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशपर्व के मौके पर प्रधानमंत्री ने बिहार में शराबबंदी लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की काफी सराहना की थी। इसके बाद से ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस तरफ काफी सक्रिय हो गए हैं। नर्मदा स्वच्छता अभियान के मौके पर उन्होंने नर्मदा नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में शराबबंदी की घोषणा की है।
शिवराज ने गिनाई बुराइयां
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ समय से पूरे प्रदेश में शराब के मुद्दे को लेकर रैलियां कर रहे हैं। आपको बता दें कि अपनी रैली के दौरान शिवराज सिंह ने शराब से होने वाले नुकसान के बारे में भी बता रहे हैं। उन्होंने यह कहा कि इससे परिवार टूट जाते हैं। नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शराब से फैलने वाली सामाजिक बुराइयों को देखते हुए ही नर्मदा किनारे स्थित सभी शराब दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है, चाहे वो बेदगत, बुधनी या होशंगाबाद हो। हालांकि मुख्यमंत्री के इस ऐलान से कुछ लोगों को हैरानी जरूर हुई लेकिन जनसभा में मौजूद महिलाओं ने इसका जोरदार समर्थन किया। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार को शराब पर आबकारी कर के जरिए 7300 करोड़ सालाना मिलते हैं।
शराब ठेकेदारों को रखनी होगी नाम की सूची
यहां आपको बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। राज्य की नई आबकारी नीति के तहत शराब बेचने वाले दुकानदारों को शराब खरीदने वालों की सूची बनाकर रखनी होगी। इसके साथ ही शराब की बोतलों पर ‘शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’ जैसी चेतावनियां भी लिखनी पड़ेंगी। टीवी पर किसी भी तरह के शराब का विज्ञापन नहीं दिखाया जाएगा। स्कूलों की किताबों में भी इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा।
पुलिस कर रही है अध्ययन
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार भविष्य में शराब पर पूरी पाबंदी भी लगा सकती है। अधिकारी का कहना है कि शराबबंदी लागू करने के बाद अपराध की दरों में होने वाली वृद्धिदर के बारे में पता लगाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस की टीम बिहार और गुजरात के दौरा कर रही है। टीम के अध्ययन के बाद राज्य सरकार मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर निर्णय ले सकती है। हालांकि राज्य के वित्तमंत्री मलैया ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की संभावना से इंकार किया है। अब देखना यह होगा कि क्या मध्यप्रदेश शराबबंदी लागू करने वाला तीसरा राज्य बन सकता है!