लखनऊ।
योगी सरकार द्वारा सभी धर्मों के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के बाद मंत्री मोहसिन रजा ने गुरुवार को अपना निकाह रजिस्टर करवाया। गुरुवार को मोहसिन रजा अपनी पत्नी, मां, ससुर और अपने बेटे के साथ निकाहनामा रजिस्टर कराने कलेक्ट्रेट पहुंचे। रजिस्ट्रेशन से पहले रजा के परिवार ने इसके लिए एक बार फिर शादी जैसी तैयारियां कीं। इस अवसर पर मोहसिन रजा की पत्नी ने मेहंदी लगाई और गहने पहले फिर अपने माता—पिता और पति मोहसिन रजा के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं।
शादी का रजिस्ट्रेशन करवाते समय मोहसिन रजा ने कहा कि वो एक जिम्मेदार पद पर बैठे हैं, उन्होंने इसकी पहल की है। ऐसे में इसका मैसेज पूरे समुदाय में जाएगा। मोहसिन रजा के मुताबिक यह ऐसी पहल है जिससे खुद-ब-खुद ट्रिपल तलाक पर काफी हद तक रोक लग जाएगी और औरतों को अधिकार के तौर पर बड़ा हथियार हाथ लगेगा।
बता दें कि मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक में रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता पर मुहर लगाई थी जिसके तहत सभी नए पुराने दंपत्ति को अपनी शादी या निकाहनामे को रजिस्टर कराना जरूरी होगा। नए नियमों के अनुसार, शादियों का रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड से जुड़ेगा तभी किसी योजना का लाभ परिवार उठा सकेगा।
दारुल उलेम ने किया फैसले का विरोध
शादी का पंजीकरण जरूरी करने के योगी सरकार के फैसले को दारुल उलेम और अन्य देवबंदी उलेमाओं ने धार्मिक आजादी के खिलाफ बताया है। इन्होंने कहा, हम शादी के पंजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ऐसा न करने वालों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने का फरमान उत्पीड़न है। दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने कहा कि शादी के पंजीकरण को जोर जबरदस्ती से लागू करना मजहबी आजादी के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह कहना कि अगर पंजीकरण नहीं कराया जाएगा तो कानूनी हक से वंचित कर दिया जाएगा, यह सीधे-सीधे उत्पीड़न करने वाला निर्णय है।