लखनऊ। उत्तराखंड के बाद अब उत्तरप्रदेश में भी फर्जी अंकपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले 4 हजार से ज्यादा प्राईमरी शिक्षकों की बर्खास्तगी तय है। इन शिक्षकों ने बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड की डिग्री हासिल की है। एसआईटी के द्वारा की जा रही जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। अब इन सभी शिक्षकों की सूची को जिलों को भेज दिया गया है।
8 की जगह 12 हजार छात्रों को कराया बीएड
गौरतलब है कि राज्य के हजारों प्राईमरी शिक्षकों ने साल 2004-05 में बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी मार्कशीट हासिल कर उत्तरप्रदेश के स्कूलों में नौकरी हासिल की थी लेकिन एसआईटी की जांच में अब यह खुलासा हुआ है कि एनटीसीई ने विश्वविद्यालय को करीब 8 हजार छात्रों को बीएड का कोर्स कराने की अनुमति दी थी लेकिन विश्वविद्यालय ने 12 हजार से ज्यादा छात्रों को यह कोर्स करा दिया। इनमें केहरीमल गौतम स्मारक महाविद्यालय, नगला सरुआ अलीगढ़ और जयमूर्ति कॉलेज, नगला बाल सिरसागंज, फिरोजाबाद को बीएड सत्र संचालित करने के लिए न तो मान्यता दी गई और न ही सम्बद्धता। इसके बावजूद यहां से ऊंचे प्राप्तांकों वाली 147-147 फर्जी अंकतालिकाएं जारी कर दी गईं। इसे विवि ने अपने टैबुलेशन चार्ट में भी दिखाया है। जांच में यह सभी फर्जी पाए गए।
ये भी पढ़ें - जब पिता को देख भावुक हो गए सीएम योगी आदित्यनाथ, जानिए पिता से क्या कहा...
शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
आपको बता दें कि राज्य के शिक्षा सचिव राज प्रताप सिंह ने फर्जी अंकपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले सभी शिक्षकों की सूची जिले को भेज दी है। अब इन सब पर कार्रवाई की जाएगी।