पटना। पटना उच्च न्यायालय ने नीतीश सरकार को शराबबंदी के खिलाफ दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाने को इजाजत दे दी है। हाईकोर्ट ने सरकार को यह इजाजत सशर्त दी है। यह मानव श्रृंखला 21 जनवरी को बनाया जाएगा। हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से लिखित में इसका वचन लिया है कि मानव श्रृंखला में शामिल होने के किसी भी छात्र या छात्रा के साथ जोर जबर्दस्ती नहीं किया जाएगा। सरकार की तरफ से हाईकोर्ट को यह भी आश्वासन दिया गया है कि अगर कोई भी स्कूली बच्चा इसमें शामिल नहीं होता है तो उसके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी
गौरतलब है कि सरकार की तरफ से मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने कोर्ट के सामने यह भी कहा कि 21 जनवरी को सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक बिहार से गुजरने वाली सभी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्ग को पूरी तरह से बंद नहीं किया जाएगा। यहां आपको बता दें कि पहले सरकार की तरफ से राज्य से गुजरने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करने की बात कही गई थी। सरकार की तरफ से ऐसा न करने के आश्वासन के बाद हाईकोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है।
शशि भूषण ने दायर की थी याचिका
यहां आपको यह बता दें कि बिहार सरकार के मानव श्रृंखला बनाने के कार्यक्रम को लेकर शशि भूषण ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। दायर याचिका में कहा गया था कि सरकार क्यों सभी स्कूली बच्चों पर इसमें शामिल होने का दबाव डाल रही है? किस कानून के तहत वो राजमार्ग को 6 घंटे को बंद करना चाहते हैं? इन सवालों के संतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था। राज्य सरकार की तरफ से प्रधान महाधिवक्ता ललित किशोर कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट उनके द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ इसलिए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को समन किया था।
स्कूलों को सरकार का निर्देश
बिहार सरकार ने जिले के सभी स्कूलों को पत्र लिखकर मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए कहा था। स्कूलों को यह भी कहा गया था कि अगर वे इसमें शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें मिलने वाली सरकारी मदद बंद कर दी जाएगी इसके साथ ही छात्रों का नामांकन भी रद्द कर दिया जाएगा।
गिनीज बुक को भेजा जाएगा रिकाॅर्ड
आपको यह भी बता दें कि गुरू गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशपर्व पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार की खूब तारीफ की थी। इसके बाद ही कुमार ने मानव श्रृंखला बनाने की घोषणा की थी। अब अदालत से इजाजत मिलने के बाद यह करीब 11292 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला 21 जनवरी को बनाई जाएगी। इसमें करीब 2 करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना जताई गई है। इसकी निगरानी ड्रोन, सेटेलाइट और हेलीकाॅप्टर के जरिए की जाएगी। बाद में इस रिकाॅर्ड को गिनीज बुक को भी भेजा जाएगा।