मेरठ । यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने आगामी लोकसभा चुनावों से पहले एक नई चुनौती आ गई है। असल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली के गन्ना किसानों ने सरकार को अपना गन्ना बकाये का भुगतान करवाने को कहा है। इन किसानों ने योगी सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वह ऐसा करने में असफल रहे तो वह बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कर लेंगे। अपनी मांगों को लेकर ये गन्ना किसान पिछले 5 दिनों से कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे हैं। गन्ना किसानों का कहना है कि पिछले साल के गन्ने की फसल के 80 करोड़ रुपये और इस साल की राशि का भुगतान उन्हें जल्द से जल्द करवाया जाए। अब इन किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो सोमवार 21 जनवरी को सभी किसान शामली में एक महापंचायत बुलाएंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी।
बता दें कि सरकार ने किसानों को उनके गन्ने के भुगतान के लिए जो नियम बनाए हैं उसके तहत किसानों को14 दिन में उनकी राशि का भुगतान करना होता है । लेकिन किसानों को पिछले साल का पैसा भी नहीं मिला है। यही कारण है कि किसान धरने पर बैठे हैं। पिछले 5 दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने सरकार तक अपना विरोध पहुंचाने के लिए अपने सिर मुड़वाए लेकिन अभी तक सरकार ने कोई सुध नहीं ली है।
सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए कुछ मुस्लिम गन्ना किसानों ने गत दिवस धरना स्थल पर ही नमाज पढ़ी। इन किसानों का कहना है कि गन्ना उगाना उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है। या तो किसानी छोड़कर अपनी जमीन बिल्डरों को बेच दें या फिर आत्महत्या कर लें।
इन किसानों का कहना है कि इलाके में मौजूद बछड़े खेत की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दे रहे हैं। बिजली कंपनियां उनपर मुकदमा कर रही हैं। वहीं धरनास्थल पर पहुंचे अफसरों ने किसानों को पहले 7 करोड़ फिर 10 करोड़ के भुगतान की बात कही. लेकिन किसानों ने इस राशि को लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि यह तो इस साल की राशि होगी, फिर पिछले साल के बकाए 80 करोड़ का क्या? साथ ही किसानों ने समस्त भुगतान न होने तक धरना जारी रखने की चेतवानी दी।