मुरैना । एक बार फिर व्यापमं का जिन्न बाहर निकल कर आया है। व्यापमं घोटाले के आरोपियों पर छाए संकट के बादल एक बार फिर गहराए हैं। इस बार मुरैना स्थित महाराजपुर गांव में व्यापमं घोटाले के एक आरोपी प्रवीण यादव ने बुधवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। प्रवीण का वर्ष 2008 में चिकित्सा शिक्षा के लिए चयन हुआ था। हालांकि बाद में व्यापमं घोटाला उजागर होने पर वर्ष 2012 में उसे इस घोटाले में आरोपी बनाया गया था। इस पूरे घटनाक्रम पर प्रवीण के परिजनों का कहना है कि जब से उस पर इस घोटाले मे शामिल होने के आरोप लगे थे तभी से वह काफी परेशान रहने लगा था।
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जानकारी के मुताबिक प्रवीण कुमार मंगलवार कुछ परेशान नजर आ रहा था। बुधवार सुबह सुबह उसने अपने घर में ही खुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि व्यापमं घोटाले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जांच में प्रवीण की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए थे और उसे इस घोटाले में आरोपी बनाया था। परिजनों का कहना है कि एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद से वह नियमित रूप से जबलपुर हाईकोर्ट में पेशी पर जाता रहा है। हालांकि बार बार बयान देने के लिए बुलाए जाने से वह परेशान हो गया था। उसके पास इस समय कोई नौकरी भी नहीं थी। न ही इस केस के चक्कर में आकर वह कोई कामकाज ही कर पा रहा था।
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परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनका बच्चा पढ़ने में तेज था। अपनी शैक्षिक योग्यता के बल पर ही उसका चयन व्यापमं में हुआ था लेकिन बाद में उसे झूठे केस में फंसा दिया गया, जिसके चलते अब उसने अपना अंत कर लिया है।