Saturday, April 27, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

व्यापमं घोटाले के आरोपी प्रवीण ने अपने घर में की खुदकुशी, कोर्ट-कचहरी में चक्कर काटने से था परेशान

अंग्वाल संवाददाता
व्यापमं घोटाले के आरोपी प्रवीण ने अपने घर में की खुदकुशी, कोर्ट-कचहरी में चक्कर काटने से था परेशान

मुरैना । एक बार फिर व्यापमं का जिन्न बाहर निकल कर आया है। व्यापमं घोटाले के आरोपियों पर छाए संकट के बादल एक बार फिर गहराए हैं। इस बार मुरैना स्थित महाराजपुर गांव में व्यापमं घोटाले के एक आरोपी प्रवीण यादव ने बुधवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। प्रवीण का वर्ष 2008 में चिकित्सा शिक्षा के लिए चयन हुआ था। हालांकि बाद में व्यापमं घोटाला उजागर होने पर वर्ष 2012 में उसे इस घोटाले में आरोपी बनाया गया था। इस पूरे घटनाक्रम पर प्रवीण के परिजनों का कहना है कि जब से उस पर इस घोटाले मे शामिल होने के आरोप लगे थे तभी से वह काफी परेशान रहने लगा था। 

ये भी पढ़ें- टेरर फंडिंग पर एक और करारी चोट, श्रीनगर से शब्बीर शाह मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक प्रवीण कुमार मंगलवार कुछ परेशान नजर आ रहा था। बुधवार सुबह सुबह उसने अपने घर में ही खुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि व्यापमं घोटाले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने जांच में प्रवीण की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए थे और उसे इस घोटाले में आरोपी बनाया था। परिजनों का कहना है कि एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद से वह नियमित रूप से जबलपुर हाईकोर्ट में पेशी पर जाता रहा है। हालांकि बार बार बयान देने के लिए बुलाए जाने से वह परेशान हो गया था। उसके पास इस समय कोई नौकरी भी नहीं थी। न ही इस केस के चक्कर में आकर वह कोई कामकाज ही कर पा रहा था। 


ये भी पढ़ें- रामनाथ कोविंद ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ, कहा हम अलग फिर भी एक हैं

परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनका बच्चा पढ़ने में तेज था। अपनी शैक्षिक योग्यता के बल पर ही उसका चयन व्यापमं में हुआ था लेकिन बाद में उसे झूठे केस में फंसा दिया गया, जिसके चलते अब उसने अपना अंत कर लिया है। 

Todays Beets: