नई दिल्ली। यह कहावत तो हम सभी ने सुनी होगी कि ‘शादी का लडडू जो खाए वह भी पछताए और जो न खाए वह भी पछताए’। क्या आपको पता है कि शादी कर गृहस्थ जीवन बिताने वाले लोग अवसाद या डिप्रेशन के शिकार कम होते हैं। अमेरिका में हुए एक शोध में इस बात का पता चला है कि ऐसे लोग जो सालाना 60 हजार अमेरिकी डाॅलर कमाते हैं और पत्नी के साथ रहते हैं वे इससे ज्यादा कमाकर अकेले रहने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा सुखी हैं।
गौरतलब है कि ऐसा अक्सर देखा जाता है कि शादी के बाद लोगों की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं जिससे लोगों के व्यवहार में काफी बदलाव आ जाता है और वे अवसाद या डिप्रेशन के शिकार कम होते हैं। अमेरिका में 22 से लेकर 80 साल के करीब 3 हजार लोगों पर किए गए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। इस सर्वेक्षण में सामाजिक , मनोवैज्ञानिक , मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य विषय शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि विदेशों की तुलना में भारत में रहने वाले ऐसे लोग ज्यादा सुखी जीवन व्यतीत करते हैं।
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हालांकि अमेरिका में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक अधिक कमाई वाले जोड़ों के लिए शादी से उसी तरह के मानसिक स्वास्थ्य लाभ नहीं दिखते है। जर्नल सोशल साइंस रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात कही गयी है।