नई दिल्ली । देश में कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने हर दिन संक्रमितों और इस महामारी के चलते लोगों की मौत का आंकड़ा जारी किया है । 21 जुलाई तक जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार , देश में अब तक कोरोना के चलते 4 लाख 18 हजार 480 लोगों की मौत हुई है । हालांकि एक अमेरिकी रिपोर्ट ने दावा किया है कि भारत में मौत का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों के करीब 10 गुना ज्यादा है । भारत में कोरोना से मौत का आंकड़ा करीब 34 लाख से 47 लाख लोगों के बीच है । इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के अनुसार , भारत सरकार के आंकड़े , वास्तविक आंकड़ों से बहुत कम है । अप्रैल और मई में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भारत में चरम पर थी, तब देशभर के अस्पतालों में जगह नहीं थी, मरीजों को वापस भेजा जा रहा था । बाद में उन मरीजों की घर पर मौत हो गई ।
सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने किया शोध
विदित हो कि देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या को लेकर विपक्षी दलों ने भी आंकड़े छिपाने के आरोप मोदी सरकार पर लगाए हैं । इस सबके बाद अब सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के शोधकर्ताओं ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक कोरोना से मरने वालों के संभावित आंकड़े जारी किए हैं । इसके अनुसार भारत में करीब 34 लाख से 47 लाख लोगों की मौत हुई है । रिपोर्ट में कहा गया, असल में मौत लाखों में होने की संभावना है, न कि सैकड़ों में । यह विभाजन और स्वतंत्रता के बाद से देश की सबसे बड़ी मानव त्रासदी बन गई है ।
25 हजार बच्चों ने अपनी मां को खोया
इस सबसे इतर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज (एनआईडीए) और नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने अपने एक अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है कि कोरोना के चलते भारत में करीब 25,500 बच्चों ने अपनी मां को खो दिया । जबकि 90,751 बच्चों ने अपने पिता को खो दिया । इतना ही नहीं 12 बच्चों ने अपने दोनों अभिभावकों को खो दिया ।
दुनिया भर में 10 लाख से ज्यादा बच्चों ने अपने अभिभवाक खोए
आंकड़ों का अध्ययन करने पर सामने आया है कि कोरोना काल के दौरान दुनियाभर में 11 लाख 34 हजार बच्चों ने अपने माता-पिता या संरक्षक दादा-दादी/नाना-नानी को खो दिया । इनमें से 10,42,000 बच्चों ने अपनी मां, पिता या दोनों को खो दिया. ज्यादातर बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक को गंवाया है । वहीं भारत की बात करें तो यहां महामारी के पहले 14 महीनों के दौरान भारत के एक लाख 19 हजार बच्चों समेत 21 देशों में 15 लाख से अधिक बच्चों ने संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खो दिया जो उनकी देखभाल करते थे ।