नई दिल्ली। भारत में अगर किसी गांव के बारे में सोचें तो किसी पिछले इलाके, सुविधाओं से महरूम और गंदगी से अटे पड़े एक स्थान की छवि मन में आती है। पक्की सड़कों का न होना, कई इलाकों में शोचालय तक न होना बिजली-पानी के लिए भी ठीक-ठाक व्यवस्था न होना, कुछ इस तरह से हमने अपने गांवों की तस्वीरों को अपने मन में बैठा लिया है। हालांकि सरकार इन सबके निदान के लिए काफी योजनाएं चला रही है, लेकिन स्थिति अभी भी काफी चिंताजनक है। इन सब के बावजूद क्या आप भारत के उस गांव के बारे में जानते हैं जो न केवल हमारे देश का बल्कि एशिया का भी सबसे स्वच्छ गांव माना जाता है। इस गांव का नाम है मावलीनांग, इसे god's own garden के नाम से भी जाना जाता है।
यह गांव मेघालय की राजधानी में बसा हुआ है। यहां के लोग साफ-सफाई को खाने से भी अधिक महत्व देते हैं। यह के ग्रामीणों का मानना है कि सफाई नहीं तो- खाना नहीं। इस गांव में साफ-सफाई की खास वजह यह है कि यहां के लोगों ने साफ-सिफाई का जिम्मा खुद ही उठा रखा है।
इस गांल में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब यहां सफाई नहीं की जाती है। 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव के लोगों से बीमारियां कोसो दूर हैं। साथ ही अगर कोई भी सदस्य गांव की सफाई में हाथ नहीं बंटाता है तो उसे दंड स्वरुप खाना नहीं दिया जाता है।
गांव के हर किनारे पर कूड़े के ढेर के बजाय खूबसूरत फूल और पेड़-पौधे लगे हुए हैं। यहां पर बांस से बने घर, इस जगह को और भी खूबसूरत बना देते हैं। इसी कारण इसे देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट यहां आते हैं।