नई दिल्ली । दुनिया भर में इस समय अमेरिकी सरकार की अफगानिस्तान को लेकर बनाई गई नीति पर सवाल उठ रहे हैं । अमेरिका की जो बाइडेन सरकार के फैसलों पर दुनिया की महाशक्ति कहे जाने वाले देश की जमकर किरकिरी हो रही है । दुनिया भर के लोग अमेरिका को अफगानिस्तान के हालातों का जिम्मेदार मान रहे हैं और अपने शब्दों में जो बाइडेन के फैसलों की निंदा भी कर रहे हैं । इससे इतर , अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी अपनी मजबूरी गिनाते हुए अफगानिस्तान को लेकर अपनी सरकार के फैसलों को सही ठहराया है । अमेरिका का कहना है कि जब अफानिस्तानी जवानों ने ही तालिबानी लड़ाकों के आगे हथियार डाल दिए तो हम क्यों अपने जवानों को वहां मरने के लिए छोड़ देते ।
अशरफ गनी पर फोड़ा ठिकरा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार देर रात अपने देशवासियों को संबोधित किया । इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने पिछले कई सालों में अरबों रुपये अफगानिस्तान पर खर्च किए । लाखों सैनिकों को ट्रेनिंग दी । लेकिन तालिबान से लड़ने से पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत अफगानी सेना ने अपने हथियार डाल दिए । अगर अमेरिकी सेना वह एक साल या पांच साल वहां रुक जाती तो क्या वहां के हालात बदल जाते । मैंने अशरफ गनी से कहा था कि आप अपने यहां व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करें , लेकिन गनी को भरोसा था कि आपात स्थिति में उनकी सेना तालिबान का मुकाबला कर लेगी ।
सेना ने कई जगह सरेंडर किया
बाइडेन ने कहा कि ताबिलान ने अफगानी सेना को निशाना बनाना शुरू कर दिया था । ऐसे में अफगानिस्तान की लिडरशिप सामना करने के बजाए भाग गई । तालिबानियों के सामने अफगानी सेना ने हार मान ली । कई इलाकों में सेना ने सरेंडर कर दिया । मैंने अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी को तालिबान से बात करने का प्रस्ताव दिया था , लेकिन उन्हें भरोसा था कि उनकी सेना तालिबानी लड़ाकों का मुकाबला करेगी । लेकिन वह इसमें फेल हो गए ।
गनी से पूछे - बिना लड़े क्यों भाग गए
जो बाइडेन ने इस दौरान कहा कि यह सवाल अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से पूछा जाना चाहिए कि आखिर वह बिना लड़े क्यों भाग गए । समय रहते अफगानिस्तान सरकार ने कोई फैसला क्यों नहीं लिया । उन्होंने सीरिया , इराक और अफ्रीका में आईएस की मौजूदगी का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को पूरे मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत थी । हमें अफगानिस्तान के भविष्य के लिए एक दिन यह करना ही था , लेकिन जिस तेजी से हालात बदले , किसी को कुछ करने का मौका नहीं मिला ।
20 सालों तक हमने संभाला
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 20 सालों से अफगानिस्तान को हमने संभाला , हमें भी अपने जवानों की चिंता होती है । वहां लोकतंत्र की स्थापना करने के लिए हमारी सेना नहीं गई थी , हम चाहते थे कि अफगानिस्तान की जमीन से आतंकवाद न पनपे , इसलिए इतने सालों तक हम वहां रहे ।
ताबिलान को चेताया
बाइडेन ने इस बीच तालिबान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके लड़ाकों ने किसी भी अमेरिकी नागरिक को परेशान किया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे । हमने देखा कि मौजूदा समय में लोग अफगानिस्तान छोड़कर भागने को आतुर हैं । हम इस सब से दुखी है , लेकिन मुझे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है ।