नई दिल्ली । अमूमन आपके पास अपने बैंक से जुड़ी प्रत्येक गतिविधि की संदेश (SMS) आता है। उनकी हर बैंक ट्रांजेक्शन के लिए बैंक जो SMS भेजता है, उसकी एवज में उपभोक्ताओं से इसका शुल्क भी लेता है। अब भले ही इस छोटी सी रकम से लोगों को ज्यादा असर न पड़ता हो लेकिन लाखों लोगों से इस छोटी सी रकम लेकर बैंक वाले अपनी चांदी काट रहे हैं। बैंक यह सब तब कर रहे हैं जबकि आरबीआई के अनुसार, ग्राहकों से चार्ज लेना उनकी ओर से जारी दिशा निर्देशों के खिलाफ है।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, देश के कुछ बैंक उपभोक्ताओं की ट्रांजेक्शन के बदले उन्हें जो SMS भेजते हैं उसके लिए एक शुल्क लेते हैं, जो RBI की ओर से बैंकों को जारी एडवाइजरी के खिलाफ है ।असल में RBI ने सभी बैंकों को फ्रॉड और किसी चार्ज को काटने से पहले ग्राहक को SMS के जरिए सूचित करने के लिए कहा था।
आरबीआई ने इसके लिए बैंकों को वास्तविक उपयोग के आधार पर चार्ज लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन SBI और ICICI बैंक समेत ज्यादातर बैंक इन नियमों का पालन नहीं करते।बैंकिंग कोड्स और स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया के चेयरमैन एसी महाजन ने अखबार से कहा कि यह चार्ज करना आरबीआई के निर्देश का उल्लंघन है। 48 में से करीब 19 बैंक तिमाही में 15 रुपये चार्ज लगाते हैं जो टैक्स लगाने के बाद 17.7 रुपये हो जाता है।
महाजन ने बताया कि RBI के निर्देशों के मुताबिक बैंकों को डेबिट कार्ड से होने वाले सभी ट्रांजेक्शन, एटीएम से नगद निकासी, नेफ्ट और आरटीजीएस ट्रांजेक्शन में बेनेफिशरी के खाते में पैसे क्रेडिट होने के बाद एसएमएस अलर्ट भेजना अनिवार्य है और यह सेवा फ्री है। इसके अलावा होने वाली ट्रांजेक्शन के लिए बैंक जो अलर्ट भेजते हैं वे सिर्फ उन के लिए शुल्क वसूल सकते हैं।