नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई ) ने अंतरराज्यीय गिरोह के 4 ऐसे हाइप्रोफाइल ठगों को गिरफ्तार किया है , जो 100 करोड़ रुपये की ठगी की साजिश में जुटे थे । ये शातिर कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को राज्यसभा सीट (Rajya Sabha Seat) और राज्यपाल पद (Governor Post) दिलाने के सपने दिखाया करते थे । इन लोगों की निगाहें करोड़पति लोगों के साथ ही बिजनेस घरानों के लोगों पर रहती थी , जिन्हें ये झूठे सपने दिखाकर ठगने का काम करते थे । सीबीआई की टीम ने हाल में कई जगहों पर छापेमारी करके इस गिरोह के ठगों को दबोचा है । हालांकि इस गिरोह का एक शातिर CBI टीम पर हमला करके फरार हो गया ।
मिली जानकारी के अनुसार , सीबीआई ने जिन पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है , उनमें महाराष्ट्र के लातूर जिले का रहने वाले कमलाकर प्रेमकुमार बंदगर, कर्नाटक के बेलगाम का रहने वाला रवींद्र विट्ठल नाइक और दिल्ली-एनसीआर के रहने वाले महेंद्र पाल अरोड़ा, अभिषेक बूरा व मोहम्मद एजाज खान को नामजद किया है ।
पुलिस ने इनके गिरोह के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लातूर निवासी कमलाकर प्रेमकुमार बंदगर खुद को वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी के रूप में पेश करता था । इसके बाद वह उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ अपने ‘संबंधों’ का हवाला देते हुए अपने साथ जुड़ने वाले अभिषेक बूरा, महेंद्र पाल अरोड़ा, एजाज खान और रविंद्र विट्ठल नाइक से कोई भी ऐसा काम लाने को कहता था, जिसे वह भारी-भरकम रकम के एवज में पूरा करवा सकता है ।
इसके बाद इनका यह गिरोह'' ऐसे लोगों की तलाश में जुट जाते जो राज्यसभा की सीट के इच्छुक हों , या राज्यपाल के रूप में कहीं नियुक्ति होने की इच्छा रखते थे । इतना ही नहीं ये लोग केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों के अधीन आने वाली विभिन्न सरकारी संस्थाओं का अध्यक्ष बनवाने का झूठा आश्वासन भी लोगों को देते थे , जिसकी एवज में लोगों से एक रकम की मांग की जाती थी ।
इतना ही नहीं बूरा ने बंदगर से चर्चा की थी कि कैसे नियुक्तियों में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाने वाले उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ बूरा के कथित संबंधों का इस्तेमाल काम निकलवाने के लिए किया जा सकता है । इस गिरोह के बारे में कुछ इनपुट सीबीआई के हाथ लगे ।
सूत्रों से जानकारी मिली कि ये ठग वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनीतिक पदाधिकारियों के नाम का इस्तेमाल करेंगे, ताकि किसी काम के लिए उनसे संपर्क करने वाले ग्राहकों को सीधे या फिर अभिषेक बूरा जैसे बिचौलिए के माध्यम से प्रभावित किया जा सके ।
सीबीआई को सूचना मिली कि बंदगर खुद को CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश किया था और विभिन्न पुलिस थानों के अधिकारियों से अपने परिचित लोगों का काम कराने को कहा था । इतना ही नहीं कुछ मामलों में जांच को प्रभावित करने की कोशिश भी की थी ।
इन सबके बारे में सूचना मिलने पर सीबीआई की टीम ने अलग अलग जगहों पर छापेमारी करके इनमें से चार शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है , जबकि एक फरार हो गया है ।