नई दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में अब फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। आवेदकों को अब ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए मोटर वाहन प्रशिक्षण केंद्र से वाहन चलाने का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा जिस पर मोटर वाहन प्रशिक्षण केन्द्र की पंजीकरण संख्या, पंजीकरण तारीख, प्रशिक्षण की अवधि शामिल होगी। डीएल का नवीनीकरण करवाने से पहले भी ड्राइविंग स्कूल में दो दिन का प्रशिक्षण लेना होगा। सड़क परिवहन मंत्रालय के नए मसौदे में इसका प्रावधान किया गया है।
मोटर ड्राइविंग स्कूल का प्रमाण पत्र
गौरतलब है कि परिवहन मंत्रालय ने हाल ही में केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 2017 के मसौदे पर सभी दलों से सुझाव मांगे थे। इस पर दो सुझाव सामने आए पहला डीएल बनवाने के लिए किसी मान्यता प्राप्त मोटर ड्राइविंग स्कूल का प्रमाणपत्र जरूरी कर दिया जाए और दूसरा, मौजूदा डीएल को आधार कार्ड से जोड़ दिया जाए। परिवहन विशेषज्ञ अनिल चिकारा ने बताया कि नए नियम लागू होने पर डीएल बनवाने वालों को मोटर ड्राइविंग स्कूल से प्रशिक्षण का ब्योरा देना होगा। यहां तक की लाईसेंस का नवीनीकरण करवाने से पहले भी ड्राइविंग स्कूल में दो दिन का प्रशिक्षण लेना होगा।
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सड़क सुरक्षा जरूरी
आपको बता दें कि यह पहला मौका है जब मंत्रालय ने सड़क पर चालकों की गलती से होने वाले हादसों के लिए फर्जी लाईसेंस धारकों को माना है। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित नियमों में डीएल की परिभाषा को भी बदल दिया गया है। इसके तहत उसी व्यक्ति को डीएल धारक होने के योग्य माना जायेगा जिन्होंने मोटर वाहन लाइसेंस सम्बन्धी फॉर्म 5 भर कर सक्षम प्राधिकारी से ड्राइविंग के प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र हासिल कर लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिनके पास प्रशिक्षण प्रमाणपत्र नहीं है, लेकिन उन्हें वाहन चलाना आता है, उन लोगों को भी फॉर्म 5 भर कर सक्षम प्राधिकारी से प्रशिक्षण प्रमाणपत्र लेना होगा। सरकार का ऐसा मानना है कि ज्यादातर सड़क हादसे चालकों की गलती की वजह से होते हैं।