नई दिल्ली। दिल्ली हवाई अड्डे पर विस्फोट से भरा एक बैग सुरक्षा जांच की आखों से चूक गया और आगे निकल गया, लेकिन राहत भरी बात यह हैं कि यह केवल हवाई अड्डे की सुरक्षा जांचनेके लिए चल रही कवायाद का हिस्सा भर था। इस नकली अभ्यास से हवाई अड्डे पर सुरक्षा के इंतजामों की जांच पड़ताल चल रही थी। इसमें क्रेंदीय औद्योगिक सुरक्षा बल ( CISF )असफल साबित हुआ है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने दिल्ली , पुणे और कुछ अन्य हवाई अड्डों पर पिछले तीन महीनों में ऐसे कई नकली अभ्यास कराए हैं। पिछले दिनों दिल्ली हवाई अड्डेपर ऐसे ही एक नकली जांच अभ्यास में दिल्ली हवाई अड्डे पर विस्फोटक उपकरण के कुछ पुर्जों को बिना डेटोनेटर के एक हैंडबैग में रखा गया और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी इसेलेकर आसानी से सुरक्षा घेरे से निकल गए। ऐसा ही अभ्यास जम्मू जाने वाले एयर इंडिया के विमान में भी किया गया। यहां भी सुरक्षा तंत्र विस्फोटक का पता लगाने में असफल रहा। हवाई अड्डोंकी सुरक्षा व्यवस्था को संभालने में लगे सीआईएसएफ को इसके बाद सूचित किया गया कि वह गुप्त जांच में असफल रहा है। सीआईएसएफ चेक-इन के बाद यात्रियों के हैंड बैग की जांचस्कैनर की सहायता से करता है।
वहीं इस मामले पर नागरिक उड्डयन अधिकारी ने कहा , हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था बेहतर काम कर रही है और सुरक्षाकर्मियों में सजगता हैं या नहीं, इसे सुनिश्चत करने में हमने ऐसे नकलीजांच अभ्यास कराते रहते हैं। अधिकारी ने बताया , हम सीआईएसएफ द्वारा बैग में रखे आईईडी को पहचानने में विफल रहने की धटनाओं को जोड़ते हुए एक रिपोर्ट तैयार कर रहें हैं।
लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई
सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने इस पूरी प्रकरण पर जवाब में कहा कि बीसीएस द्वारा आयोजित नकली जांच के दौरान विफल होने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकिउन्होंने कहा कि कभी-कभी बिना डेटानेटर के रहने पर बम बनाने के बेतरतीव उपकरणों को पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है। कुछ मामलों में कर्मियों को निलंबित भी किया है। साथ हीउन्होंने बताया कि बेहतर सुरक्षा के इंतजाम के लिए सीआईएसएफ कर्मी समान को हर घंटे बदलते रहते हैं। वहीं अधिकारी ने बताया कि हम एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने की प्रकिया में हैं जिससेहम बम के बेतरतीब सामानों , चाकू और अन्य प्रतिबंधित सामानों को पकड़ सकें।