Wednesday, May 8, 2024

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बच्चे को गोद लेने के बाद पांच साल तक करना होगा उसका पालन-पोषण, तब जाकर हक जता पाएंगे फॉस्टर पैरंट्स, पढ़े पूरी रिपोर्ट...

अंग्वाल न्यूज डेस्क
बच्चे को गोद लेने के बाद पांच साल तक करना होगा उसका पालन-पोषण, तब जाकर हक जता पाएंगे फॉस्टर पैरंट्स, पढ़े पूरी रिपोर्ट...

 

नई दिल्ली। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने हाल में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को थोड़ा और जटिल कर दिया है। नए नियमों के तहत अगर कोई दंपति किसी बच्चों को गोद लेता है तो वे पांच साल तक बच्चे का पालन-पोषण करने के बाद ही उस बच्चे पर अपना हक जता सकते हैं। मंत्रालय की ओर से हाल में द मॉडल गाइडलाइंस फॉर फॉस्टर केयर 2016 में कुछ नए कानून बनाए गए थे। इन नए नियमों की मार यामिनी और उनके पति भानू भंडारी समेत सिंगल मदर चारुलता शर्मा को भुगतना पड़ रहा है, जिसके तहत न तो वे अब तक बच्चे का नामकरण कर पाए हैं नही अभी वह अपने बच्चे के प्रमाण पत्रों में अभिभावकों की जगह अपना नाम दे सकते हैं। इसके के लिए इन्हों पांच साल का इंतजार करना होगा। 

असल में भानू और यामिनी 24 जून को 4 साल की परी के फॉस्टर पेरेंट्स बने। इसी प्रकार चारु नाम भी एक महिला भी 6 साल की चांदनी की फॉस्टर पैरंट बनीं। लेकिन हाल में द मॉडल गाइडलाइंस फॉर फॉस्टर केयर 2016 में कुछ नए कानून बनाए गए है, जिसके लागू होने के बाद यह दोनों पहले ऐसे बच्चे होंगे, जिन्हें महिला और बाल विकास मंत्रालय से उनके फॉस्टर पैरंट्स को सौंपा जाएगा।

नहीं बदेलगा बच्चे का नाम


असल में बच्चे को गोद लेने के बावजूद अभिभावक उस बच्चे को अपना नाम नहीं दे पाएंगे। पालक देखभाल दिशानिर्देश के अनुसार, अनाथालय द्वारा दिया गया नाम ही 5 साल तक बच्चे का नाम होगा और गोद देने वाली संस्था उसकी कानूनी अभिभावक बनी रहेगी। बहरहाल बच्चे के पालन पोषण का खर्च, उनकी शिक्षा और मेडिकल खर्च उनके पालक अभिभावक यानी फॉस्टर पैरंट्स को ही वहन करना होगा। पांच साल तक पालन पोषण करने के बाद ही उनके फॉस्टर पैरंट्स को बच्चा कानूनी रूप से सौंपा जाएगा।  

कानूनी बाधा से परेशानी उत्पन्न

बहरहाल एयर इंडिया में काम करने वाली चारु ने कहा कि कानूनी अधिकारों की कमी उनके बच्चे के लिए बैंक खाता खोलने और एक परिवार के सदस्य के तौर पर हर हक दिलाने में बाधा उत्पन्न कर रही है। 

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