नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा जोर ‘मेक इन इंडिया पर है’। वह अक्सर स्वदेश निर्मित हथियारों और उपकरणों की बात करते हैं, लेकिन उनके इस मेक इन इंडिया को एक बार फिर झटका लगा है। भारतीय सेना ने देश में बनी असॉल्ट राइफल एक्स-कैलिबर को लगातार दूसरे साल भी रिजेक्ट कर दिया है। इस राइफल का इस्तेमाल एके-47 और इंसास की जगह किया जाना था, जिन्हें भारतीय सेना अभी मुख्य हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती है।
जानकारी के अनुसारर, सरकार के ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड द्वारा निर्मित असॉल्ट राइफल एक्स-कैलिबर का पिछले सप्ताह परीक्षण किया गया था, लेकिन यह परीक्षण में पास न हो सकी। इस राइफल में परीक्षण के दौरान कई खामियां निकलीं, जिसके बाद सेना ने इसे फिर से रिजेक्ट कर दिया। सूत्रों ने बताया कि राइफल की लोडिंग को आसान बनाने के लिए मैगजीन को फिर से डिजाइन करने की जरूरत है। परीक्षण के दौरान फायरिंग में रुकावट 20 से भी ज्यादा बार देखी गई।
बता दें कि भारतीय सेना फिलहाल एके- 47 और इंसास राइफल का इस्तेमाल कर रही है। इसे 1988 में सेना में शामिल किया गया था। सीमा पर दुश्मनों से निपटने के लिए एक्स कैलिबर को इस साल सेना में शामिल किया जाना था। वैसे भारतीय सेना 70 फीसदी हथियार विदेशों से आयात करती है। मोदी सरकार ने सेना के आधुनिकीकरण पर अगले 10 सालों में लगभग 250 अरब डॉलर खर्च करने का लक्ष्य तय किया है।
तेज झटका देती है एक्स-कैलिबर
जानकारी के अनुसार, परीक्षण के दौरान पाया गया कि एक्स-कैलिबर फायरिंग के बाबद ज्यादा तेजी से झटका देती है। साथ ही इसकी चमक और तेज आवाज भी एक समस्या है, जिससे इसे लड़ाई में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वहीं यह सेना के फायरपावर की अवश्यकताओं को भी पूरा नहीं करती है।