नई दिल्ली । जस्टिस उदय उमेश ललित ( U. U . Lalit) ने शनिवार को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश यानी CJI पद की शपथ ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10:30 बजे उन्हें पद की शपथ दिलाई । 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में जन्मे जस्टिस ललित 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त हुए थे । एक रोचक बात यह है कि जस्टिस ललित देश के दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस होंगे जो इससे पहले हाईकोर्ट के जज नहीं थे, बल्कि सीधे वकील से जज बने । हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ 74 दिनों का ही होगा । वह 8 नवंबर को अपने पद से रिटायर होंगे । देश के चर्चित विवादित ढांचा विध्वंस केस , 2जी स्कैम , काला हिरण शिकार कांड जैसे मामलों से वह जुड़े रहे हैं ।
विदित हो कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कानून मंत्री किरण रिजिजू, पूर्व चीफ जस्टिस एन वी रमना, सुप्रीम कोर्ट के कई जज और जस्टिस ललित के परिवारों की मौजूदगी में उन्हें नए सीजेआई के पद पर शपथ दिलवाई गई ।
बता दें कि जस्टिस ललित देश के दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस होंगे जो इससे पहले हाईकोर्ट के जज नहीं थे, बल्कि सीधे वकील से जज बने । इससे पहले देश के 13 वें चीफ जस्टिस एस एम सिकरी ने ये उपलब्धि हासिल की थी । जज बनने से पहले जस्टिस ललित का नाम देश के बड़े वकीलों में शुमार रहा । उन्हें 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर नियुक्त किया गया था।
सीजेआई ललित पहले ही कह चुके हैं कि उनके कार्यकाल में संवैधानिक मामलों की सुनवाई के लिए पूरे साल संविधान पीठ बैठेगी । जस्टिस ललित ने कहा कि वो समझते है कि सुप्रीम कोर्ट का रोल कानून की व्याख्या करना है, इसके लिए जरूरी है कि बड़ी बेंच का गठन हो ताकि संवैधानिक/ कानूनी मुद्दो पर लोगों के बीच स्पष्टता हो सके ।
आपको बता दें कि 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के समय यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी आरोपी बनाया गया ।
- उस दौरान यूयू ललित वकील के तौर पर पैरवी करते थे ।
- साल 1997 में जस्टिस ललित कल्याण सिंह के वकील के तौर पर अदालत में पेश हुए थे ।
- इसके बाद 2019 में जब राम मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसला आया, तो सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ में भी यूयू ललित शामिल थे ।
- मुस्लिम पक्ष के वकील एडवोकेट राजीव धवन की आपत्ति के बाद उन्होंने खुद को इस पीठ से अलग कर लिया था ।
- इतना ही नहीं सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस में अमित शाह के वकील रहे, जो गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री थे ।
- जस्टिस ललित जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि विवाद मामले में भी वे वकील थे ।
- पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से जुड़े भ्रष्टाचार के केस में भी वे शामिल थे ।
- इसी क्रम में देश के बहुचर्चित 2जी घोटाले में उन्हें CBI का स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाया था ।
- अभिनेता सलमान खान के काले हिरण का शिकार मामले में भी वह वकील के तौर पर शामिल हुए ।