नई दिल्लीः दिल्ली के सीए अरविंद केजरीवाल पर बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बिना पीएम नरेंद्र मोदी की इजाजत के रिलीज नहीं हो पाएगी। केजरीवाल के जीवन पर बनी इस फिल्म को रिलीज होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की मंजूरी मिलना जरूरी है। ऐसा खुद सेंसर बोर्ड ने कहा है। दरअसल, इस फिल्म में पीएम मोदी और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित की कुछ फुटेज भी शामिल हैं। इसी कारण फिल्म की रिलीज़ के लिए इन दोनों व्यक्तियों की एनओसी जरूरी है।
सात कट के साथ मिली है मंजूरी
इस बारे में चल रही खबरों के अनुसार, यह फिल्म आम आदमी पार्टी (आप) और केजरीवाल पर बनी है। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सात कट के साथ मंजूरी दे दी है लेकिन पीएम मोदी और दीक्षित के फुटेज के इस्तेमाल के चलते दोनों से एनओसी लाने को कहा गया है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म निर्देशक को कहा है कि पहले इन दोनों व्यक्तियों की एनओसी उन्हें दी जाए, उसके बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा।
मोदी और शीला के बारे में आपत्तिजनक बयान
फिल्म को शुरुआत में सेंसर बोर्ड की एग्जामिनिंग कमेटी ने इसे पास करने से मना कर दिया था। इसमें पीएम मोदी, शीला दीक्षित समेत कई नेताओं के बारे में दिए गए आपत्तिजनक बयान भी हैं। डाक्यूमेंट्री फिल्म का नाम एन इनसिग्निफिकेंट मैन है। यह फिल्म नेशनल अवार्ड विनर फिल्ममेकर आनंमद गांधी ने अरविंद केजरीवाल के जीवन और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष पर बेस करके बनाई है। फिल्म में साल 2011 के एंटी करप्शन मूबमेंट और आम आदमी पार्टी के गठन पर फोकस कर किया गया है।
पहलाज निहलानी ने बताई पूरी बात
इस बारे में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री फिल्म को हरी झंडी दे दी गई है लेकिन, नियमानुसार जिनकी फुटेज इस्तेमाल होती है उनकी एनओसी लगती है। इसलिए निर्माताओं को कहा गया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीला दीक्षित की एनओसी लाएं।