Friday, April 26, 2024

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1 अप्रैल से कई नियमों में हो रहे बदलाव , जानें आप कैसे आएंगे इसके दायरे में

अंग्वाल न्यूज डेस्क
1 अप्रैल से कई नियमों में हो रहे बदलाव , जानें आप कैसे आएंगे इसके दायरे में

नई दिल्ली । देश में नए वित्त वर्ष की शुरुआत आगामी 1 अप्रैल से हो जाएगी । पिछले कुछ सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने कई नियमों में बदलाव किया है, साथ ही कई व्यवस्थाओं को ऑनलाइन करके काम करने के तरीकों को भी आसान बना दिया है । इसी क्रम में 1 अप्रैल से कुछ नियमों में फिर से बदलाव हो रहे हैं । इस सबका सीधा असर किसी न किसी तरह आम आदमी, कर्मचारियों व कारोबारियों से लेकर पेंशनधारकों पर पड़ेगा। 

बता दें कि आयकर की मौजूदा दरें व स्लैब में बिना किसी बदलाव के बावजूद अगले महीने से नए श्रम कानून लागू होने के साथ ही वेतन के ढांचे में बदलाव देखने को मिलेगा। इससे, कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) में पहले की तुलना में अधिक योगदान मिलेगा। आइये जानते हैं, एक अप्रैल से वे कौन से प्रमुख बदलाव हैं, जिनका असर पड़ने वाला है।

चलिए कुछ बिंदुओं में नियमों में होने वाले बदलाव के चलते आने वाले परिवर्तन पर नजर डालें.... 

LTC इनकैशमेंट : बता दें कि अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) वाउचर के तहत कर्मचारियों को मिलने वाले छूट की अवधि 31 मार्च, 2021 तक की है। यानी अगले महीने से इसका लाभ नहीं लिया जा सकेगा।

ग्रैच्युटी अवधि : नए श्रम कानून के तहत ग्रैच्युटी की समय-सीमा कम होगी। मौजूदा व्यवस्था में एक कंपनी में लगातार पांच साल तक काम करने पर ग्रैच्युटी का लाभ मिलता है। लेकिन अब इसकी समयसीमा में कटौती की गई है , जिसका लाभ लोगों को 1 अप्रैल 2021 से मिलना शुरू होगा ।

सैलरी में होगा बदलाव - सरकार के प्लान के मुताबिक, 1 अप्रैल से मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) कुल सैलरी का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए । सरकार का दावा है कि इस बदलाव से नियोक्ता और श्रमिक दोनों को फायदा होगा।


12 घंटे काम करने का प्रस्ताव - नए नियमों में लोगों के अधिकतम काम करने के घंटों को बढ़ाकर 12 करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा 15 से 30 मिनट तक एक्सट्रा काम करने को भी ओवरटाइम में शामिल किया जाने का प्रावधान है. मौजूदा समय में अगर आप 30 मिनट से कम समय के लिए एक्सट्रा काम करते हैं तो उसको ओवरटाइम में नहीं गिना जाता है।

 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक - इसके अलावा 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम करने पर प्रतिबंध किया जाएगा । सरकार का मानना है कि कर्मचारियों को 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक दिया जाना चाहिए ।

 रिटायरमेंट की राशि में होगा इजाफा - पीएफ की राशि बढ़ जाने से रिटायरमेंट की राशि में भी इजाफा होगा. रिटायरमेंट के बाद लोगों को इस राशि से काफी मदद मिलेगी । पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा ।

ई-इनवॉयस अनिवार्य : बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) कारोबार के तहत पहली अप्रैल से ऐसे सभी कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस अनिवार्य हो जाएगा, जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से अधिक है।

पीएफ योगदान पर टैक्स : नए वित्त वर्ष 2021-22 में 2.5 लाख रुपये से अधिक के पीएफ योगदान पर आयकर के तहत टैक्स का प्रावधान है। इस दायरे में सामान्य तौर पर प्रति माह दो लाख रुपये से अधिक की कमाई वाले आयकरदाता आएंगे।

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