नई दिल्ली । भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में शुमार और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं । हाल में उन्होंने एक जनसभा में कहा कि भारत सरकार को अगर अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए नोटों पर लक्ष्मीजी की तस्वीर छापनी चाहिए । इससे असर पड़ेगा । इस दौरान उन्होंने अपनी बातों को पक्ष में कुछ तर्क भी दिए, जिसमें उन्होंने दुनिया के बड़े इस्लामिक देश इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए करेंसी में भगवान गणेश की फोटो प्रकाशित करने की बात कही । हालांकि स्वामी से इंडोनेशिया की करेंसी (रुपिया) पर भगवान गणेश छपे होने को लेकर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह पूरी बात कही । लेकिन यह बात तय है कि इंडोनेशिया और भारत की संस्कृति में कई समानताएं हैं ।
बता दें कि भले ही इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश हो लेकिन इंडोनेशिया में हिंदू देवी-देवताओं की पूजा भी काफी होती है । वहां भगवान गणेश को कला और बुद्धि का भगवान माना जाता है । इसी वजह से यहां की करेंसी पर पूर्व में भगवान गणेश की छवि अंकित होती थी । इतना ही नहीं इंडोनेशिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र है । मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच हजारों द्वीपों पर फैले इंडोनेशिया में मुसलमानों की सबसे ज्यादा आबादी बसती है, पर यहां हिंदू धर्म का स्पष्ट तौर पर प्रभाव नजर आता है ।
विदित हो कि कुछ साल पहले इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था काफी बुरे दौर से गुजरी । जानकारों का कहना है कि उस दौरान सरकार के लोगों और कुछ अर्थशास्त्रियों ने विचार-विमर्श के बाद 20 हजार रुपिया का एक नया नोट जारी किया , लेकिन खास बात यह थी कि इस नोट पर भगवान गणेश की तस्वीर को छापा गया । वर्ष 1998 में प्रकाशित नोटों में 20 हजार रुपिया के नोट पर गणेशजी की फोटो छापी गई, लेकिन उसके बाद छपे नए नोटों पर से भगवान गणेश की फोटो हटा ली गई थी ।
ऐसी भी खबरें हैं कि इस दौरान कुछ लोगों ने सरकार और अर्थशात्रियों को यह बात कही थी अगर वह अपनी करेंसी में गणेश जी की फोटो छापेंगे तो उनके देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा ।
खास बात इंडोनेशिया की यह है कि वहां रामायण और महाभारत की कहानी हर कोई जानता है । वहां के जकार्ता स्क्वेर में कृष्णा-अर्जुन की मूर्तियां भी स्थापित हैं । वहां के मुसलमान रमजान में रोजा रखते हैं और इफ्तार के बाद हिंदू मंदिरों में रामायण मंचन में भाग लेते हैं । आपको इंडोनेशिया में भगवान विष्णु और शिव के मंदिर मिल जाएंगे ।जबकि वर्तमान में इंडोनेशिया में हिंदुओं की आबादी 2 फीसदी से भी कम है ।