लद्दाख । एडवेंचर टूरिज्म के लिए देश में अपनी खास पहचान बनाने वाला लद्दाख इलाका इन दिनों किसी ओर कारण से सुर्खियों में है। पिछले कुछ समय से यहां कैमल सफारी (ऊंट की सवारी) को लेकर बड़ी तादात में लोगों का आना शुरू हो गया है। कैमले सफारी के लिए बड़ी संख्या में लोग नूबरा वैली में आ रहे हैं, जिसे एक नए चर्चित खेल के रूप में पहचान मिल रही है। इतना ही नहीं स्थानीय युवाओं के लिए यह कैमल सफारी उनके रोजगार का एक नया साधन बन गया है।
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असल में लेह से 130 किमी की दूरी पर स्थित लद्दाख रीजन की नूबरा वैली में कुछ खास तरह के ऊंट पाए जाते हैं, जो आम ऊंटों की तुलना में छोटे होते हैं। दुनिया का सबसे ऊंचा मोटर चलित रोड खर्डोंगला दर्रा नूबरा घाटी का प्रवेश द्वार है। नबूरा घाटी में आने वाले पर्यटकों को यहां रेत की पहाड़ी पर ऊंट की सवारी करना बेहद पसंद आ रहा है। ये खास तरह के ऊंट हंटर घाटी की जंगली झाड़ियों में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। ऐसे में इलाके के बेरोजगार युवा यहां बड़ी संख्या में पाए जाने वाले इन ऊंटो को 'कैमल सफारी' के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं और उनसे अपना रोजगार तराश रहे हैं।
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बता दें कि ऐतिहासिक सिल्क रूट के रास्ते कभी बड़ी मात्रा में व्यापार होता था, उस दौरान ये ऊंट काम में लाए जाते थे। बाद में यहां से व्यापार खत्म होने पर ये ऊंट यहीं इलाकों में छोड़ दिए गए थे। इनमें से कई जंगलों में चले और कुछ को लोगों ने पालतू बना लिया। अब यहां कैमल सफारी का बढ़ता व्यापार देखते हुए स्थानीय युवा इन ऊंटों को सफारी के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं।
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