नई दिल्ली।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ असंतोष बढ़ता ही जा रही है। अब पीओके के लोग और राजनीतिक पार्टियां मुखर होकर खुलेआम पाकिस्तान का विरोध कर रही हैं। पीओके के कई राजनैतिक लोगों का कहना है कि पीओके के लोगों के साथ पाकिस्तान गुलामों की तरह बर्ताव करता है। यही कारण है कि अब यहां की जनता पाकिस्तान से आजादी चाहती है।
ये भी पढ़ें— नवाज शरीफ ने खुद को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने को बताया मजाक, कहा चौथी बार भी बनेंगे प्रधानमंत्री
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पीओके के राजनैतिक कार्यकर्ता का कहना है कि पीओके में लोगों को गुलाम समझा जाता है और उन्हें देशद्रोही कहा जाता है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के खिलाफ बोलने पर नेशनल एक्शन प्लान के नाम पर निर्दोष लोगों को जेल में डाल दिया जाता है। लोगों का कहना है कि पीओके में विकास बिल्कुल नहीं हुआ है। यहां ना कोई सड़कें हैं और ना ही कोई कारखाना। लोगों पर कई तरह के प्रतिबंध हैं, यहां तक कि यहां कई किताबें बैन कर दी गई है।
ये भी पढ़ें— पत्थरबाजों ने फिर की जाकिर मूसा की मदद, सुरक्षाबलों को चकमा देकर भागने में रहा कामयाब
पाक का हिस्सा नहीं पीओके
पीओके के राजनीतिज्ञ मिसफर खान ने कहा कि पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों को पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर नाटक खत्म करना होगा, क्योंकि ये क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान के राजनीतिक दलों द्वारा किया जा रहा लूट और शोषण को रोकने की जरूरत है।बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान सरकार कई सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ताओं को नेशनल एक्शन प्लान के तहत जेलों में डाल चुकी है, लेकिन समय—समय पर यहां आजादी की मांग उठती रहती है।