इंदौर।
इंदौर में हुई अनोखी शादी इस समय सबकी जुबान पर चढ़ी हुई है। इस शादी में न तो लाखों रुपये खर्च किए गए और ना ही इसमें कोई वीवीआईपी शामिल हुआ, तब भी इस शादी की चर्चा पूरे शहर में हो रही है। 1 मई को शहर के सामाजिक कार्यकर्ता राहुल छपरवाल (इंकलाब) की शादी में भगत सिंह, राजगुरू, असफाक उल्ला खां के नारों को शहनाई की गूंज और शादी के फेरों की बीच सुना गया। राहुल ने अपनी शादी इन शहीदों के नाम समर्पित की। राहुल ने कहा कि वह बचपन से ही शहीदों की जीवनियों को पढ़ते आए हैं, तो उन पर इनका खासा असर है। उन पर शहीदों का असर ऐसा है कि वह अपने सरनेम की जगह इंकलाब लिखने लगे।
हर जगह शहीदों की रही गूंज
इस शादी की खास बात यह थी कि शादी के कार्ड से लेकर मेन्यू तक हर जगह इन शहीदों की गूंज सुनाई दी। राहुल ने बताया कि वह पिछले 6-7 साल से शहीदों और उनके परिवारों के लिए कार्य कर रहे हैं, इसलिए उनकी इच्छा थी कि शादी भी कुछ अलग हो। शादी के कार्ड में किसी भगवान का नाम नहीं लिखा गया बल्कि कार्ड की शुरुआत इंकलाब जिंदाबाद के नारे से हुई। कार्ड में एक पेज पर भगत सिंह का अपने भाई को 3 मई 1931 को लिखा पत्र भी छापा गया ।
शहीदों के वंशजों ने किया स्वागत
शादी में शहीदों के वंशज भी शामिल हुए। इन्होंने शादी में आए मेहमानों का स्वागत किया। इनमें भगतसिंह, अशफाक उल्ला खां, महावीर प्रसाद, गणेश शंकर, राजगुरू के वंशज शामिल हैं। कार्ड में दर्शनाभिलाषी में इन सबका नाम शामिल किया गया। अलावा वेन्यू पर शहीदों के कोट के पोस्टर भी लगाए गए, जो हर आने वाले को उनकी शहादत की याद दिला रहे थे।
मेन्यू में भगतसिंह का रसगुल्ला
शादी का मेन्यू भी खास था। इसमें डिशेज के नाम शहीदों के नाम पर रखे गए। इनमें भगतसिंह का रसगुल्ला, गणेश शंकर के गोलगप्पे, राजगुरू का आमखंड, सुखदेव की चक्की, मंगल पांडे का पान, बिस्मिमल की कुल्फी आदि शामिल रहे।