नई दिल्ली । भारतीय रेल में पिछले दिनों कई तरह के बदलाव की खबरें सामने आ रही हैं । निजी यात्री ट्रेनों के साथ प्राइवेट रेलवे स्टेशन की खबरों के बाद अब खबर आ रही है कि सरकार अब निजी मालगाड़ी चलाने की भी योजना बना रही है । असल में सरकार इस सबके पीछे रेलवे की कमाई को बढ़ाने का प्लान बना रही है । मिली जानकारी के अनुसार , रेलवे ने अगले पांच सालों में अपने लक्ष्य 200 करोड़ टन माल लोड करने का रखा है, इसलिए ही सरकार अब मालगाड़ी के संचालन में निजी कंपनियों को शामिल करना चाहती है । मिली जानकारी के अनुसार , रेलवे मंत्रालय पिछले दिनों कुछ तरह के बदलाव के बाद अब निजी माल गाड़ी ट्रेनें चलाने की नई नीति बना रहा है । इन ट्रेनों को 2800 किलोमीटर के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर चलाया जाएगा । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक , प्राइवेट फ्रेट ट्रेनों के लिए तैयार की जा रही नई पॉलिसी में प्राइवेट प्लेयर या निजी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए खास कदम उठाए जा सकते हैं।
मंत्रालय चाहता है कि इस योजना में टाटा ग्रुप, अडानी ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप और मारुति जैसी बड़ी कंपनियां भागीदारी दिखाएं । इसलिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को लेकर सरकार तेजी से काम कर रही है ।
रेलवे का लक्ष्य है कि मार्च 2022 तक पूरे 2800 किलोमीटर के डीएफसी ट्रैक को तैयार कर चालू ऑपरेशनल कर दिया जाए । अगर लंबी अवधि के लिए करार किया जाता है तो ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे अमेज़न या फ्लिपकार्ट भी प्राइवेट फ्रेट ट्रेन चलाने के लिए आगे आ सकती हैं ।