नई दिल्ली । RBI ने बुधवार को बड़ा झटका देते हुए रेपो रेट में .40 फीसदी की वृद्धि करने का ऐलान किया है । इसके साथ ही अब रेपो रेट 4.40 हो गया है । इसके चलते बैंकों सहित आम लोगों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा । इसी क्रम में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कैश रिजर्व रेश्यो में भी 0.50 फीसदी की वृद्धि की है , जो अब बढ़ 4.50 फीसदी हो गई है । आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान जारी कर कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों और गति में धीमापन देखने को मिला है और भारतीय बाजारों पर भी इसका असर देखा जा रहा है । आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास के दोपहर 2 बजे बयान जारी करते ही शेयर बाजार में गिरावट बढ़ गई । बॉन्ड मार्केट सहित इक्विटी मार्केट में बड़ी गिरावट देखी गई । रेपो रेट बढ़ाते ही सेंसेक्स में 1000 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई ।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने अपने जारी बयान में कहा - देश में महंगाई का दबाव बढ़ता जा रहा है । कमोडिटी मार्केट में भी कमी देखने को मिल रही है । मॉनिटरी नीति पर रूल बुक के हिसाब से काम नहीं होता है । ऐसे में रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़त की जा रही हैं । इसके अलावा आरबीआई ने बता दें कि रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के लिए आरबीआई से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा जिसका बोझ ग्राहको पर निश्चित तौर पर आएगा ।
असल में आरबीआई गवर्नर का यह ऐलान उनकी मौद्रिक नीति संबोधनों से अलग है। इससे पहले अप्रैल में आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक का एलान किया था और अगली पॉलिसी जून में आएगी ।
बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा यानी एमपीसी की बैठक 6-8 जून को होनी थी पर इससे पहले ही ग्लोबल स्थितियों को देखते हुए आरबीआई ने आज रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा कर दिया है । इससे पहले 6-8 अप्रैल को एमपीसी की बैठक में ब्याज दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया था ।
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि देश में महंगाई के बढ़ते दबाव को देखते हुए ऐसा करना आवश्यक हो गया है लिहाजा ये फैसला लिया जा रहा है. इसके अलावा जियो-पॉलिटिकल स्थितियों के मुताबिक भी देश में नीतिगत दरों में बदलाव करना जरूरी हो गया था ।
विदित हो कि देश में मई 2020 से आरबीआई ने इन दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया था । मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने ब्याज दरों में इजाफा करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया है और माना जा रहा है कि अब देश में नीतिगत दरों के बढ़ने का सिलसिला जारी हो सकता है । बैंक निश्चित तौर पर इन बढ़ी दरों का बोझ अपने ग्राहकों पर डालेंगे, ऐसा माना जा रहा है ।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, वहीं अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है । मार्च महीने में खुदरा महंगाई 6.9 प्रतिशत रही है ।