नई दिल्लीः देश की टेलीकॉम कंपनियों के बीच छिड़े डेटा वॉर का फायदा तो ग्राहकों को मिल ही रहा है. अगर टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) की चली तो लोगों को केवल 21 रुपए में 1 जीबी जेटा मिल सकेगा, वह भी हाईस्पीड। दरअसल ट्राई ने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत देश के कोने-कोने में सस्ती वाई-फाई सेवा उलब्ध कराने की तैयारी है। अगर ऐसा हो जाता है, तो देश में डिजिटल क्रांति एक नए दौर में पहुंच जाएगी।
10 रुपए प्रति एमबी से 2 रुपए प्रति एमबी
ट्राई ने वाई-फाई सेवा के विस्तार के लिए देश के कोने-कोने में फैले छोटे उद्यमियों, कम्यूनिटीज, कंटेट प्रोवाइडर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स का सहारा लेने का मन बनाया है। ट्राई का मानना है कि केवल बड़ी कंपनियों के टेलीकॉम नेटवर्क्स से ही भारत में इंटरनेट उलबब्ध नहीं कराया जा सकता है। इन नेटवर्क्स के अलावा भी ऐसे तरीके हैं, जिनसे हाई स्पीड इंटरनेट लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। अभी भारत में कंपनियां 10 रुपए प्रति एमबी के रेट से इंटरनेट उपलब्ध कराती हैं। ट्राई की योजना में यह रेट 2 पैसे प्रति एमबी करने की तैयारी है।
जहां नेटवर्क नहीं वहां हो वाई फाई
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार योजना कुछ इस तरह की है कि ग्राहक मोबाइस से वाई-फाई नेटवर्क पर आसानी से मूव हो सके। यानी जब ग्राहक ऐसे इलाके में हो, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं है, तो वह वहां किसी वाई-फाई से कनेक्ट होकर नेट का लाभ ले सके। ऐसे इलाको में होंगे खास वाई-फाई प्रोवाइडर्स जोकि 2 पैसे प्रति एमबी के रेट से वाई-फाई उपलब्ध कराएंगे।
नेटवर्क की समस्या भी हल होगी
इस योजना का दूसरा लाभ यह है कि देश की टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क्स पर पड़ रहा बोझ भी कुछ कम होगा, जिससे उनकी सर्विसेज बेहतर होंगी। यह भी ग्राहकों के ही फायदे की बात है। अभी लोग स्लो इंटरनेट और कॉल ड्राप की समस्या से परेशान रहते हैं। एक सूत्र ने बताया कि ट्राई की वाई-फाई से जुड़ी सिफारिशें टेलीकॉम मंत्रालय को जल्द भेजी जाएंगी। दरअसल इसके लिए लाइसेंस और अन्य कानूनों में बदलाव की जरूरत होगी।