न्यूज डेस्क । MLA Salil Vishnoi Beating Case । उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार के दिन एक ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला । एक गंभीर मुद्दे को लेकर विधानसभा ''कोर्ट'' में तब्दील हो गई और 6 पुलिसकर्मियों को 19 साल पुराने भाजपा विधायक सलिल विश्नोई की पिटाई के मामले में 1 दिन कारावास की सजा सुनाई गई । सजा पाने वालों में एक सीओ भी शामिल है । सीओ समेत 6 पुलिसकर्मी विशेषाधिकार हनन के दोषी पाए गए हैं । नियमों के अनुसार , यूपी विधानसभा के इस फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती है , जिसके चलते दोषी करार दिए गए पुलिसकर्मियों को विधानसभा में ही कैदियों के लिए बनी स्पेशल सेल में रखा जाएगा । आज रात 12 बजे तक इन पुलिसकर्मियों को एक बंदी की तरह ही रहना होगा ।
2004 का है पूरा मामला
असल में यूपी विधानसभा में आज जिस मुद्दे पर एक ऐतिहासिक फैसला दिया गया , असल में वह 19 साल पुराना यानी 2004 का है , जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों पर भाजपा विधायक सलिल विश्नोई की पिटाई करने का आरोप लगाया गया था । इस मामले में आज सुनवाई हुई । संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने 2004 में हुई घटना के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए विशेषाधिकार हनन से संबंधित प्रस्ताव रखा था । लगभग 19 साल बाद इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई ।
पुलिसकर्मी विशेषाधिकार हनन के दोषी करार
बता दें कि भाजपा विधायक को पीटने वाले कानपुर के तत्कालीन सीओ अब्दुल समेत 6 पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकार हनन का दोषी करार दिया गया । बहरहाल , नियमों के मुताबिक , विधानसभा के इस निर्णय को हाईकोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती । असल में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी विधानसभा में प्रस्ताव रखा कि एक दिन यानी आज रात 12 बजे तक दोषी पुलिसकर्मियों को कारावास दिया जाए । इसके बाद विधायकों ने ध्वनि मत से इस प्रस्ताव को पारित किया है । हालांकि, सपा के विधायक सदन से वॉकआउट कर गए । उनकी गैर-मौजूदगी में ये प्रस्ताव पारित किया गया।