Monday, May 6, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

संघ प्रमुख मोहन भागवत को आतंकी घोषित करना चाहती थी यूपीए सरकार : रिपोर्ट

अंग्वाल न्यूज डेस्क
संघ प्रमुख मोहन भागवत को आतंकी घोषित करना चाहती थी यूपीए सरकार : रिपोर्ट

नई दिल्ली।

संसद के मानसून सत्र को शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी हैं और विपक्ष सरकार को घेरने की योजना बनाने में जुटा हुआ है। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को लेकर हुए खुलासे से विपक्ष की नींद उड़ सकती है। दरअसल, एक अंग्रेजी समाचार चैनल ने दावा किया है कि यूपीए सरकार संघ प्रमुख मोहन भागवत को आतंकियों की सूची में डालना चाहती थी। इसके लिए चैनल ने अपने पास मौजूद दस्तावेजों का हवाला दिया है। चैनल ने कहा कि यूपीए सरकार की मंशा भागवत को अपने अंतिम दिनों में हिंदू आतंकवाद के जाल में फंसाने की थी।

ये भी पढ़ें— अब फ्रांस की प्रथम महिला पर फिदा ट्रंप, फ्रांस दौरे के दौरान कहा, बेहतरीन है फिजिकल शेप, ब्यूटीफुल

चैनल ने यह भी दावा किया कि मालेगांव और अजमेर हुई हिसा के बाद यूपीएस सरकार ने ही देश में हिंदू आतंकवाद के मुद्दे को उछाला। उस वक्त तत्कालीन सरकार ने एनआईए पर इस बात के लिए दबाव भी बनाया कि इस मामले में वह भागवत को घेरे। चैनल का दावा है कि यूपीएस सरकार के मंत्री भागवत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे और इसके लिए एनआईए के अधिकारियों को आदेश भी दिए गए थे।


ये भी पढ़ें— राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर दिया बड़ा बयान, कहा मोदी व्यक्तिगत फायदे के लिए बहा रहे हैं निर्द...

चैनल ने कहा कि मालेगांव और अजमेर हिंसा की जांच में जुटे अधिकारी इस मामले में भागवत से पूछताछ करना चाहते थे। दरसअल, यूपीए सरकार ने जांच अधिकारियों पर उस समय दबाव बनाया, जब स्वामी असीमानंद ने पंचकुला जेल में रहते हुए एक मैगजीन को दिए अपने इंटरव्यू में इन हमलों में मोहन भागवत का नाम लिया था। लेकिन एनआईए के प्रमुख शरद कुमार ने जब इंटरव्यू के टेप की फॉरेंसिक जांच कराई, तो उसमें कुछ भी नहीं मिला, जिससे भागवत पर शक हो और उन्होंने केस बंद कर दिया। इससेे यूपीए सरकार के मंसूबे धरे के धरे रह गए।

 

 

Todays Beets: