नई दिल्ली । भले ही मैदान पर अपनी फिरकी के जादू से बड़े-बड़े बल्लेबाजों को ढेर कर टर्बनेटर का खिताब पाने वाले हरभजन सिंह उर्फ भज्जी मैदान पर आक्रामक नजर आते हों, लेकिन उनके अंदर का कोमल दिल हाल में एक बार फिर उजागर हुआ है। भज्जी ने देश के रणजी खिलाड़ियों की स्थिति को लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के कोच अनिल कुंबले को एक भावुक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इन खिलाड़ियों के भुगतान के ढांचे को संशोधित करने की गुहार लगाई है। बता दें कि कुंबले 21 मई को सीओए के समक्ष अनुबंधित भारतीय क्रिकेटरों के लिए संशोधित भुगतान ढांचे को पेश करेंगे। भज्जी का कहना है कि इन खिलाड़ियों को आज भी 2004 की व्यवस्था के तहत भुगतान हो रहा है, जिससे उनके सामने कई तरह की चुनौतियों खड़ी हो रही है।
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असल में हरभजन सिंह ने कुंबले को एक पत्र लिख रणजी खिलाड़ियों की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है- क्योंकि आप रणजी खिलाड़ि के रोल मॉडल भी हैं, 'मैं आपसे एक खिलाड़ी होने ने नाते अपील करना चाहता हूं कि रणजी खिलाड़ियों की भुगतान व्यवस्था में 2004 से कोई बदलाव नहीं हुआ है। सब जानते है कि आज से 12-15 साल पहले 100 रुपये की क्या कीमत थी और आज 100 रुपये की कीमत क्या रह गई है। ऐसे समय में जब आपको यह भी पता न हो कि आपको नौकरी में कितना पैसा मिलेगा, आप अपने को एक प्रोफेशनल कैसे कह सकते हैं और वो पैसा भी आपको साल के अंत में मिलता है।'
भज्जी ने अपने खत में आगे लिखा है कि इन खिलाड़ियों की सालाना कमाई आपकी तय है नहीं , जो की आपको साल के अंत में मिलती है। ऐसी स्थिति में ये खिलाड़ी अपना भविष्य तय नहीं कर पा रहे हैं। कारण साफ है इन खिलाड़ियों को ये पता ही नहीं है कि इन्हें साल के अंत में 1 लाख रुपये मिलेंगे या 10 लाख रुपये। ऐसी अनिश्चित स्थिति के चलते इन खिलाड़ियों के सामने खासी परेशानी खड़ी हो जाती हैं। मैं इस बारे में हर संभव मदद करने के लिए तैयार हूं, क्योंकि पिछले चार-पांच साल में मैंने घरेलू क्रिकेट खेला है। इनके साथ खेलते हुए मुझे पता चला कि इन क्रिकेटरों के हाल कितने खराब हैं।
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आज स्थिति यह है कि हर किसी के पास काम भी नहीं है। हां ये बात जरूर है कि जिन खिलाड़ियों को आईपीएल खेलने का मौका मिलता है, उनकी आर्थिक स्थिति में जरूर थोड़ा सुधार आता है और उसके लिए आगे भी संभावनाएं बनी रहती हैं, लेकिन जिन लोगों को आईपीएल में मौका नहीं मिलता उनका क्या। सभी को तो आईपीएल में करार नहीं मिलता। ऐसे में अनुबंधित भारतीय क्रिकेटरों के लिए संशोधित भुगतान ढांचे में सुधार करने की जरूरत है।
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बता दें कि मौजूदा स्थिति में औसत घरेलू क्रिकेटर को एक प्रथम श्रेणी मैच , रणजी या दलीप ट्रॉफी में, खेलने के लिए 1.5 लाख रुपये मिलते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को एक टेस्ट मैच खेलने के लिए 15 लाख रुपये मिलते हैं।