देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य से होने वाले पलायन पर रोक लगाने के लिए आयोग गठित करने का निर्णय लिया है। यह आयोग पलायन के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। इसके बाद सरकार उसे रोकने के लिए कार्ययोजना तैयार कर उस पर कार्यवाही करेगी। इसके अलावा राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार अगले महीने के अंत तक दूसरे राज्यों से करीब 2700 डाॅक्टरों को प्रदेश में लाने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश का सर्वांगीण विकास
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पलायन एक बड़ा मुद्दा है। राज्य के गठन से लेकर अब तक बनी किसी सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। भाजपा की नई सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री ने सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग की पुस्तिका ‘100 दिन सरकार के,100 दिन विकास के’ के विमोचन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ये घोषणाएं की। अपनी सरकार की उपलब्ध्यिों को गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। इसी का नतीजा है कि एनएच घोटाले की सीबीआई से जांच हो रही है। ग्राम विकास अधिकारी पदों पर भी हुई भारी गड़बड़ी को देखते हुए परीक्षा निरस्त की गई। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 नए क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है।
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किसानों को मिलेगा सस्ता ऋण
किसानों की हालत को सुधारने के लिए सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों को 2 फीसदी ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने का ऐलान किया है। प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए नए बड़े जलाशय बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने रिस्पना और बिंदाल नदियों को पुनर्जीवित करने की बात कहते हुए इसमें आमजन की सक्रिय भागीदारी की जरूरत बताई।
दूसरे राज्यों से आएंगे डाॅक्टर
राज्य की गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए तमिलनाडु, उड़ीसा व महाराष्ट्र से करीब 2700 डाॅक्टरों को लेने की तैयारी चल रही है। सरकार ने गढ़ी कैंट में बनने वाले स्मारक को अब स्वयं बनाने का भी ऐलान किया है।